लखनऊ: योगी सरकार ने यूपी के छह पूर्व मुख्य मंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस दे दिया है. मायावती, अखिलेश यादव, मुलायम सिंह, राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह और एनडी तिवारी को घर छोड़ने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ये फैसला हुआ है. सभी पूर्व सीएम को 17 मई को नोटिस भेज दिया गया है.


उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्य मंत्रियों को लखनऊ में सरकारी बंगला मिलता रहा है. लाखों रुपयों के किराए वाले घर के लिए बस 2 से 4 हज़ार रुपये हर महीने देने पड़ते हैं. लेकिन इसी महीने सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया. अदालत ने यूपी सरकार का प्रस्ताव नहीं माना. कोर्ट ने सभी पूर्व मुख्य मंत्रियों से सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दे दिया.


16 मई को सीएम योगी  से मिले थे पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव 


अपना घर बचाने के लिए पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ से 16 मई को मुलाक़ात की थी. योगी को उन्होंने एक फार्मूला बताया. सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे की तरह. मुलायम ने अपना वाला मकान रामगोविंद चौधरी और अखिलेश यादव वाला मकान अहमद हसन के नाम करने का सुझाव दिया. चौधरी विधान सभा में और हसन विधान परिषद् में विपक्ष के नेता हैं. लेकिन सीएम ऑफिस के एक आईएएस अफसर ने बताया ऐसा नहीं हो सकता है.


सरकारी बंगले का किराया 4200 रुपए है


लखनऊ में 13 मॉल एवेन्यू के सरकारी बंगले में बीएसपी सुप्रीमो मायावती रहती हैं वे चार बार यूपी की सीएम रह चुकी हैं. मायावती का घर दो सरकारी बंगलों को मिला कर बना है. तीन बार मुख्य मंत्री रहे मुलायम सिंह यादव का बंगला तो सीएम के घर से भी बड़ा है लेकिन किराया बस 4200 रुपये महीना है.


मुलायम सिंह के पड़ोस वाला 4 विक्रमादित्य मार्ग का सरकारी बंगला उनके बेटे अखिलेश यादव का है. इसे उन्होंने अपनी पसंद के हिसाब से बनवाया है. घर के अंदर बैडमिंटन कोर्ट और सायकिल ट्रैक भी है. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह रहते तो दिल्ली में है लेकिन लखनऊ में सीएम के घर के बगल वाला 4 कालीदास मार्ग का बंगला उनके नाम पर है.


राजनाथ सिंह जब लखनऊ आते हैं तो यही ठहरते हैं. दो बार यूपी के सीएम रह चुके कल्याण सिंह अब राजस्थान के राज्यपाल हैं. लेकिन लखनऊ में भी उन्हें सरकारी बंगला मिला हुआ है. नारायण दत्त तिवारी तो तीन बार यूपी के मुख्य मंत्री रहे, उन्हें भी अब अपना सरकारी घर खाली करना होगा. उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्य मंत्रियों को सरकारी बंगला देने की शुरुआत 1981 में हुई थी.