लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने समाजवादी पार्टी(सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के ट्वीट पर गहरी आपत्ति जताई है. उन्होंने अखिलेश को पत्र लिखकर उनके बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया है. राज्यपाल ने पत्र में कहा है, "राजनीति में राज्यपाल को लाना संवैधानिक पदों का अनादर है. मैं राजनीतिक बयानों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता."
उन्होंने कहा, "मैंने सपा सरकार में मंत्री रहे आजम खान के बयानों पर भी यही रुख अपनाया था. चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद ऐसी बयानबाजी उपयुक्त नहीं है."
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नाईक ने कहा, "चुनाव आयोग ने 10 मार्च, 2019 को लोकसभा चुनाव की घोषणा की. चुनाव की घोषणा के बाद मैं किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में भी नहीं गया, और मैंने राजनीतिक वक्तव्य भी नहीं दिया है."
राज्यपाल ने कहा, "मैं सोमवार को मैनपुरी के करीब हुई बस दुर्घटना में डॉ. ज्योति व उनकी छह वर्षीय पुत्री की दर्दनाक मौत पर उनके राजाजीपुरम आवास पर शोक जताने गया था. डॉ. ज्योति राजभवन चिकित्सालय में तैनात डॉ. अनिल निर्वाण के भाई की पत्नी थीं और संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में चिकित्सक थीं. उनकी छह वर्षीय पुत्री की भी उनके साथ जलकर मृत्यु हुई थी. ऐसे मौके पर अपने स्टाफ के दुख-दर्द में पहुंचना मैं अपना दायित्व समझता हूं."
बता दें कि अखिलेश यादव ने एक ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी की आलोचना करते हुए कई आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि बीजेपी के केवल तीन चुनावी मुद्दे हैं, विपक्ष, विपक्ष और चौकीदार. साथ ही उन्होंने राज्पाल, सरकारी एजेंसियों और मीडिया को बीजेपी का प्रचारक बताया था.