लखनऊ: अखिलेश यादव को मिले सरकारी बंगले में तोड़-फोड़ पर राज्यपाल अब एक्शन चाहते हैं. यूपी के गवर्नर राम नाईक ने सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने योगी से अखिलेश के घर में सरकारी संपत्ति को हुए नुक्सान की जांच कराने को कहा है.


राज्यपाल ने लिखा है,"मीडिया में सरकारी घर खाली करने से पहले तोड़फोड़ की रिपोर्ट से मैं दुखी हूं. जनता के टैक्स के पैसों से ये बना था. इसे बर्बाद करने पर कार्रवाई होनी चाहिए." सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करना पड़ा था.


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राज्यपाल राम नाईक ने राज भवन में राज्य संपत्ति विभाग के अफसरों की मीटिंग बुलाई. उन्होंने उन सभी मकानों के बारें में रिपोर्ट मांगी जिनको पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों ने इसी दो जून को खाली किया है. अखिलेश यादव के घर में हुई तोड़ फोड़ को लेकर राज्यपाल बड़े नाराज थे.


उन्होंने पूछा,"जब ये सब हो रहा था, आप लोग क्या कर रहे थे." अधिकारियों ने उन्हें बताया कि पूरे घर की वीडियोग्राफी कराई गई. अखिलेश यादव के घर में कौन-कौन से सरकारी सामान लगे थे? और क्या-क्या निकाल लिए गए हैं इसकी एक लिस्ट तैयार हो रही है.


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अफसरों ने बताया कि जांच पूरी हो जाने के बाद कानूनी राय ली जाएगी. इसके बाद अखिलेश को रिकवरी नोटिस भेजी जाएगी. इस पर राज्यपाल राम नाईक ने राज्य संपत्ति विभाग को पूरी ईमानदारी से जांच करने का आदेश दिया है.


उत्तर प्रदेश में सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी घर देने का नियम रहा है. अखिलेश यादव को 4 विक्रमादित्य मार्ग का बंगला मिला था. राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से वे वहीं रह रहे थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने घर खाली कर दिया.


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यूपी सरकार ने मीडिया के लिए जब ये सरकारी मकान खोला तो कई जगहों पर तोड़ फोड़ के निशान मिले. अखिलेश पर स्विमिंग पूल, बैडमिंटन कोर्ट से लेकर सायकिल ट्रैक तक के आरोप लगाए. बीजेपी की तरफ से कहा गया कि पूर्व सीएम ने तो बाथरूम से टोंटी और लाईट भी उखाड़ ले गए.


सोशल मीडिया में उनका खूब मजाक उड़ाया जा रहा है. नाराज अखिलेश यादव ने इसे उन्हें बदनाम करने की बीजेपी की साजिश बताया. उन्होंने कहा,"मैं तो सामान के बदले पैसे भी देने को तैयार हूं."