लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र सेनानियों को अब पेंशन में हर महीने 20 हज़ार रुपये मिलेंगे. इस फैसले का एलान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया. वो भी उसी दिन जब 42 साल पहले देश में इमरजेंसी लगी थी.


यूपी में पहले लोकतंत्र सेनानियों को 15 हज़ार रुपये ही मिलते थे. पेंशन बढ़ाने के फैसले का एलान करते हुए योगी ने कहा,"हमारी सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है." इस फैसले से सरकार का सालाना 35 करोड़ 35 लाख रुपयों का खर्च बढ़ जाएगा.


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इमरजेंसी के दौरान जो लोग जेल गए थे उन्हें लोकतंत्र सेनानी कहा जाता है. इन्दिरा गांधी उन दिनों देश की प्रधानमंत्री थीं. 5 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा कर दी गयी. देश भर में हज़ारों नेता और राजनैतिक कार्यकर्ता जेल में बंद कर दिए गए.


जेल जा चुके ऐसे राजनैतिक कार्यकर्ताओं को बाद में कई राज्यों में पेंशन मिलने लगी. यूपी के लोकतंत्र सेनानी पिछले कई सालों से पेंशन बढाए जाने की मांग कर रहे थे. 25 जून को इन लोगों ने राज्यपाल राम नाईक से भी मुलाक़ात की थी.


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उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों की मांग के बारे में सीएम योगी आदित्यनाथ को भी बताया. लखनऊ में इमरजेंसी की सालगिरह पर जब बीजेपी लखनऊ में काला दिवस मना रही थी. तब भी लोकतंत्र सेनानियों ने केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से पेंशन बढ़ाने की मांग की. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे भी वहां मौजूद थे. कुछ देर बाद ही योगी सरकार ने पेंशन बढ़ाने का फैसला जारी कर दिया.


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