लखनऊ: यूपी की योगी सरकार ने बिजली चोरी रोकने के लिए गुजरात मॉडल पर चलने का मन बनाया था लेकिन अब ये फैसला बदल गया है. दरअसल ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा बिजली की चोरी रोकने के लिए अलग से पुलिस थाने खोलने का एलान किया था लेकिन अब वे अपने फैसले से पीछे हट गए हैं. यह फैसला इस लिए किया गया क्योंकि उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने पुलिसवालों की कमी की बात कह कर हाथ खड़े कर दिए हैं.


नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने बिजली चोरी रोकने के लिए कुछ फैसले लिए थे. इसके तहत हर ज़िले में अलग से पुलिस थाने बनाये गए, जहां सिर्फ बिजली चोरी के केस दर्ज होते हैं. गुजरात में कुल 33 जिले हैं. गुजरात के तर्ज पर ही यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने खुद प्रेस कांफ्रेंस कर इसका एलान किया था लेकिन अब छह महीने बाद भी इस मुद्दे पर बात आगे नहीं बढ़ पाई है.


बिजली विभाग के अफसरों और सीनियर पुलिस अधिकारियों की मीटिंग हुई. डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा " हमारे पास न तो इतने पुलिसकर्मी हैं और न ही इतने संसाधन कि बिजली चोरी के केस के लिए हम अलग से पुलिस थाने बनायें."  इसीलिए राज्य के हर जिले में पुलिस थाने खोलने का मामला अब ठंडे बस्ते में चला गया है. यूपी में कुल 75 जिले हैं.


अब ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के फैसले की लाज रह जाए और काम भी शुरू हो जाए इसके लिए बीच का एक फॉर्मूला निकाला गया है. हर ज़िले में एक पुलिस थाने को बिजली चोरी वाले केस दे दिए जाएंगे. यूपी पावर कॉरपोरेशन में भी यूपी पुलिस के लोग तैनात होते हैं. ये पुलिसवाले घर-घर जा कर चेकिंग करते हैं. बिजली की चोरी करते हुए पकड़े जाने पर जुर्माना लगाते हैं. ये काम वे करते रहेंगें लेकिन बिजली चोरी के केस अब एक ख़ास थाने में ट्रांसफर कर दिए जाएंगे.


उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी एक बड़ी समस्या रही है. घर तक पहुंचने में 24.51 फीसदी बिजली बर्बाद हो जाती है.  मान लीजिए 100 यूनिट बिजली है तो मुश्किल से घर तक 75 यूनिट ही मिल पाता है.