लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालो में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए अगले महीने के पहले सप्ताह तक डॉक्टरों की भर्ती शुरू हो जाएगी. वॉक इन इंटरव्यू के जरिए डॉक्टरों की भर्ती के लिए अगले सप्ताह विज्ञापन जारी होगा. फिलहाल एक हजार डॉक्टरों के पदो के लिए इंटरव्यू होंगे. बाद में इनकी संख्या बढ़ भी सकती है.


वॉक इन इन्टरव्यू की सारी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है


चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के सचिव आलोक कुमार ने बताया कि वॉक इन इन्टरव्यू की सारी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है. अगले सप्ताह डॉक्टरों के वॉक इन इंटरव्यू के लिए विज्ञापन प्रदेश के सभी प्रमुख अखबारों में प्रकाशित किए जाएंगे. उसके बाद जो डॉक्टर इसके लिए आवेदन करेंगे उन्हें सितंबर महीने के पहले सप्ताह में इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा.


आलोक कुमार ने बताया कि पहले चरण में 500 एमबीबीएस डॉक्टरों और 500 एमएस, एमडी डिग्री धारक विशेषज्ञ डॉक्टरों का इंटरव्यू लिया जायेंगा . इस इंटरव्यू को लेने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम होगी जो इनका चयन करेगी. चयन करने के बाद ही इन डॉक्टरों की पोस्टिंग कर दी जाएगी.


डॉक्टरों की पोस्टिंग ग्रामीण इलाको के अलावा शहरी इलाको के अस्पतालो में भी की जाएंगी


चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने आगे बताया कि इन डॉक्टरों की पोस्टिंग ग्रामीण इलाको के अलावा शहरी इलाको के अस्पतालो में भी की जाएंगी . पहले चरण में सभी वॉक इन इंटरव्यू प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ही आयोजित किए जायेंगे लेकिन अगर आवेदन करने वाले डॉक्टरों की संख्या ज्यादा होगी तो प्रदेश के दूसरे शहरों में भी ऐसे इंटरव्यू आयोजित किये जा सकते है . अभी पहले चरण में एक हजार डॉक्टरों की भर्ती की जाएगी . फिर दूसरे चरण में और डॉक्टरों की भर्ती होगी .


MMBS डॉक्टरों को 50 हजार रुपये से अधिक का वेतन


स्वास्थ्य सचिव से जब यह पूछा गया कि क्या सरकारी नौकरियों में अच्छे डॉक्टर इसलिए नहीं आते क्योंकि सरकारी नौकरियों में उन्हें अच्छा वेतन नहीं मिलता, इस पर कुमार ने कहा कि इस बार हम अच्छे और काबिल एमबीबीएस डॉक्टरों को हर महीने 50 हजार रुपये से अधिक का वेतन ऑफर करेंगे, जबकि एमडी और एमएस विशेषज्ञ डॉक्टरों को हर महीने 80 हजार रुपये से अधिक का वेतन ऑफर करेंगे . डॉक्टरों को वेतन उनकी विशेषज्ञता और अनुभव के आधार पर निर्धारित किया जाएगा, जिस डॉक्टर का अनुभव जितना अधिक होगा उसका वेतन उतना ही अच्छा होगा. इसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों की आयु सीमा 65 साल तक होगी.


आलोक कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार चाहती है कि प्रदेश के हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें सरकारी अस्पतालो में मिलें इसलिए वह डॉक्टरों के खाली पदों को भरना चाहती है, ताकि अस्पताल में जब कोई मरीज इलाज के लिए आए तो उसे सही इलाज मिल सके.


यूपी सरकार का लक्ष्य हर नागरिक को मिले बेहतर स्वास्थ्य सुविधा


गौरतलब है कि ​पिछले माह चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने विधान परिषद में माना था कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालो में डॉक्टरों की कमी है और इसके लिए वॉक इन इंटरव्यू से डॉक्टरों की भर्ती किए जाने की योजना है . उनका कहना था कि प्रदेश सरकार चाहती है कि प्रदेश के हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें मिलें और सरकारी अस्पतालों में आने वाला कोई भी मरीज बिना इलाज के न लौटे इसलिए वॉक इन इंटरव्यू के जरिये जल्द से जल्द डॉक्टरों को अस्पताल में नियुक्ति दी जाएगी.