संतकबीरनगर: यूपी के स्वास्थ्य मंत्री और बस्ती जिले के प्रभारी मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने संतकबीरनगर की घटना के बाद ज़िला योजना समिति की बैठक में जाने से मना कर दिया है. ये मीटिंग 8 मार्च को होनी थी. आपके बता दें कि 6 मार्च को संतकबीरनगर में ऐसी ही एक बैठक में बीजेपी के सांसद और विधायक ने एक दूसरे की पिटाई कर दी थी.


भाजपा सांसद और विधायक के बीच जूते-चप्पल चलने के बाद पूरे देश में बीजेपी की किरकिरी हो रही है. इस घटना के बाद जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने इस घटना पर दोनों नेताओं को लखनऊ बुलाया है. इस घटना को जूते चलाने वाले सांसद शरद त्रिपाठी अब खुद ही दुर्भाग्यपूर्ण बता रहे हैं. वहीं बीजेपी विधायक राकेश सिंह बघेल भी सेफ मोड में दिखाई दे रहे हैं.


एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए उन्होंने कि घर में झगड़ा नहीं होता है क्या. वे कहीं शिकायत नहीं करेंगे. उनका धरना तो पुलिस-प्रशासन के खिलाफ है. जिन्होंने उनके समर्थकों के ऊपर लाठियां भाजी हैं.


संतकबीरनगर के कलेक्ट्रेट परिसर में बैठक के दौरान बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी और मेंहदावल से विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच जमकर जूते चले. शिलापट्ट पर नाम नहीं होने के विवाद ने इतना तूल पकड़ा कि संतकबीर नगर के सांसद शरद त्रिपाठी ने अपनी ही पार्टी के विधायक राकेश सिंह बघेल के ऊपर जूतों की बौछार कर दी.


इसके पहले उन्होंने विधायक को कहा कि "तुम्हारे जैसे कितने विधायक पैदा किए हैं.' इस पर विधायक राकेश सिंह बघेल ने जूता निकालने का इशारा भर किया था. पिटाई से आहत विधायक ने भी सांसद पर दो-चार हाथ जड़ दिए. इसके बाद विधायक और उनके समर्थक कलेक्टर परिसर में ही धरने पर बैठ गए कलेक्ट्रेट परिसर से सांसद शरद त्रिपाठी को बाहर निकालने के लिए पुलिस और प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी. पुलिस ने विधायक समर्थकों पर जमकर लाठियां भी चटकाई.