प्रयागराज: पीएम मोदी के निर्वाचन को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका पर सुनवाई 4 सितंबर को
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट से सांसद चुने गए पीएम नरेंद्र मोदी के निर्वाचन को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. पीएम मोदी के निर्वाचन को उनके खिलाफ पर्चा दाखिल करने वाले बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने चुनौती दी है.
प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी से बतौर सांसद निर्वाचन को चुनौती देने वाली एक चुनाव याचिका पर सुनवाई के लिए 4 सितंबर की तारीख तय की है. जस्टिस एम.के. गुप्ता ने तेज बहादुर यादव द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया. यादव को समाजवादी पार्टी ने वाराणसी लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन रिटर्निंग अधिकारी द्वारा उनका नामांकन पत्र खारिज किए जाने से वह चुनाव नहीं लड़ सके थे.
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से पेश हुए शासकीय अधिवक्ता सत्यपाल जैन ने अदालत के समक्ष दलील दी कि दीवानी प्रक्रिया संहिता के नियम 11 के आदेश 7 के तहत और जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 86 के तहत इस चुनाव याचिका में दम नहीं है क्योंकि इसमें कोई कारण नहीं बताया गया है और साथ ही चुनाव में अनियमितता का कोई आरोप नहीं है.
हालांकि, अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 4 सितंबर तय की.
वाराणसी के जिला रिटर्निंग अधिकारी ने बीएसएफ से बर्खास्त यादव को यह प्रमाणपत्र जमा करने को कहा था कि उन्हें भ्रष्टाचार या बेइमानी की वजह से नहीं हटाया गया, लेकिन यह प्रमाण देने में विफल रहने पर एक मई, 2019 को उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था.
तेज बहादुर यादव ने अपनी चुनाव याचिका में आरोप लगाया है कि वाराणसी के रिटर्निंग अधिकारी द्वारा गलत ढंग से उनका नामांकन पत्र खारिज किया गया है जिसके परिणाम स्वरूप वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सके जोकि उनका संवैधानिक अधिकार है.
उन्होंने अदालत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी से बतौर सांसद निर्वाचन अवैध घोषित करने का अनुरोध किया है.
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