प्रयागराज: बरेली से बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी मिश्रा और उनके पति अजितेश की सुरक्षा की मांग को लेकर दायर याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने कहा है कि हर किसी को भी अपनी मर्जी से शादी करने का अधिकार है. कोर्ट ने राज्य सरकार से दोनों को सुरक्षा देने को कहा है. लेकिन साथ ही ये शर्त भी रखी है कि साक्षी और अजितेश को 2 महीने में शादी रजिस्टर्ड करानी होगी. अगर ऐसा नहीं कराते तो कोर्ट का आदेश निरस्त हो जाएगा.

हाई कोर्ट ने सरकार को इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. साथ ही पुलिस को भी जोड़े को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए आदेश दिया है.

मामले की सुनवाई जस्टिस सिद्घार्थ वर्मा के न्यायालय में हुई. अदालत ने सुरक्षा की मांग को लेकर अदालत पहुंचे साक्षी और अजितेश की शादी का प्रमाणपत्र देखा. इसके साथ ही अदालत ने दोनों की उम्र की जांच के लिए शैक्षिक प्रमाणपत्रों की भी जांच की. सभी कागजातों से संतुष्ट होकर अदालत ने शादी को वैध बताया. अदालत ने कहा कि दोनों बालिग हैं इसलिए ये पति-पत्नी की तरह रह सकते हैं.

अजितेश के वकील एस.ए. नसीम ने बताया कि उच्च न्यायालय के परिसर में कुछ लोगों ने अजितेश के साथ मारपीट की जिसकी पुष्टि भी हो चुकी है.

उन्होंने बताया कि सिर्फ अजितेश की पिटाई हुई थी. यह पता नहीं चला है कि पिटाई करने वाले लोग कौन हैं, लेकिन इससे यह सिद्घ होता है कि दोनों की जान को खतरा है और इसलिए वह सुरक्षा मांग रहे हैं.

अजितेश की पिटाई के मामले में अदालत ने पुलिस अधिकारियों को तलब किया और सुरक्षा देने को कहा. इसके साथ ही अजितेश को कोर्ट नंबर दो में बैठाया गया.

अदालत ने कहा कि साक्षी-अजितेश को सुरक्षा दी जाए. सुनवाई पूरी होने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों सुरक्षित स्थान पर भेजे गए.

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