नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के मुख्य आरोपियों को पांच दिन बाद गुजरात एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया गया.दोनों की गिरफ्तारी गुजरात-राजस्थान बॉर्डर से हुई है. ये दोनों आरोपी 18 अक्टूबर को तिवारी की हत्या के बाद से फरार थे. लेकिन इस हत्याकांड ने तीखे तेवरों के लिए चर्चित अन्य कई हिंदू नेताओं को विचलित कर दिया है. अब वे अपनी सुरक्षा को लेकर खासे चिंतित नजर आ रहे हैं.
पत्र लिख कर रहे हैं सुरक्षा की मांग
ऐसे नेता, बीजेपी के बड़े नेताओं से संपर्क कर सुरक्षा की सिफारिश कराने के साथ सीधे गृह मंत्री अमित शाह से लेकर राज्य सरकारों को पत्र लिख रहे हैं. बीजेपी के सूत्रों ने कहा कि अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले आधे दर्जन नेता सुरक्षा मांग चुके हैं. वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें न धमकी मिली है और न उन्होंने खुद सुरक्षा मांगी है, बल्कि उनके समर्थक इसके लिए गुहार लगा रहे हैं.
साध्वी प्राची लगा चुकी हैं सुरक्षा की गुहार
सुरक्षा मांगने वाले हिंदू नेताओं में सबसे चर्चित नाम साध्वी प्राची का है. बीजेपी अध्यक्ष व गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पत्र लिखकर वह सुरक्षा की गुहार लगा चुकी हैं. उन्होंने कहा है कि पिछले कुछ दिनों से हरिद्वार स्थित उनके आश्रम के आसपास कुछ संदिग्ध लोग टहलते मिले हैं, अनहोनी की आशंका है. साध्वी प्राची ने सीमा पार के आतंकी संगठनों के निशाने पर खुद के होने की बात कही है.
इन लोगों ने भी की है सुरक्षा की मांग
अखिल भारतीय हिंदू महासभा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजीव कुमार ने भी जान को खतरा बताया है. इसी तरह, उत्तर प्रदेश नव निर्माण सेना के अध्यक्ष अमित जानी को भी जान से मारने की धमकी मिली है.
जानी ने दावा किया कि रविवार को उनके घर पर एक महिला सीलबंद लिफाफा सुरक्षा गार्ड को थमा गई, जिसमें कहा गया है, "कमलेश तिवारी के बाद अब आपकी बारी है." पत्र प्राप्त होने के तुरंत बाद अमित जानी ने अपने घर पर पुलिस को बुलाया. उन्होंने नोएडा सेक्टर 20 पुलिस थाने में एक एफआईआर भी दर्ज कराई. अमित जानी कभी बसपा मुखिया मायावती की मूर्ति तोड़कर सुर्खियों में आए थे और अक्सर विवादास्पद टिप्पणियां करते रहते हैं.
एक और हिंदू नेता उपदेश राणा ने इंटरनेशनल कॉल के जरिए जान से मारने की धमकी मिलने की बात कही है. उनके समर्थकों ने मध्य प्रदेश के माकड़ौन थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. सोशल मीडिया से लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदू संगठनों के बुलावे पर तीखे भाषणों के लिए चर्चित पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने खुद तो सुरक्षा नहीं मांगी है, मगर ट्विटर पर उनके समर्थक सरकार से मांग कर रहे हैं. सूत्र बता रहे हैं कि इसके अलावा भी कई और नेताओं ने सुरक्षा की गुहार लगाई है.
गुजरात में घुसने वाले थे कमलेश हत्याकांड के दोनों आरोपी- एटीएस
गुजरात आतंक रोधी दस्ते (एटीएस) के पुलिस उपमहानिरीक्षक हिमांशु शुक्ला ने बताया कि मंगलवार शाम गुजरात-राजस्थान सीमा पर शामलाजी के पास से उन्हें तब गिरफ्तार किया गया जब वे गुजरात में घुसने वाले थे. पुलिस अधिकारी ने बताया कि तकनीकी सर्विलांस के जरिए उनकी स्थिति का पता लगाया गया, जब दोनों ने फरार होने के बाद अपने परिवार और दोस्तों से बात की.
दोनों को तिवारी की हत्या की जांच कर रही उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले किया जाएगा. दोनों आरोपी सूरत के निवासी हैं. आरोपी अशफाक शेख 34 साल का और मोइनुद्दीन पठान 27 साल का है.
घर में की गई थी कमलेश की हत्या
बता दें कि हिंदू समाज पार्टी बनाने के पहले हिंदू महासभा के एक धड़े से जुड़े रहे 45 साल के कमलेश तिवारी की हत्या लखनऊ के नाका हिंडोला इलाके में उनके घर में कर दी गयी थी.हत्या मामले में सूरत के तीन लोगों और महाराष्ट्र के नागपुर से एक व्यक्ति के साथ कुल छह लोगों को पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है.
सूरत से गिरफ्तार 3 आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत
वहीं, एटीएस ने कमलेश तिवारी हत्याकांड में सूरत से गिरफ्तार तीन आरोपियों को मंगलवार देर शाम प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुदेश कुमार के आवास पर पेश किया. अदालत ने तीनों की 14 दिनों की न्यायिक हिरासत मंजूर कर ली जिसके बाद जांचकर्ताओं ने तीनों को पुलिस हिरासत में देने का अनुरोध किया. अदालत ने चार दिनों के लिए पुलिस रिमांड स्वीकार कर ली. ये तीनों आरोपी मौलाना शेख सलीम, फैज़ान एवं राशिद अहमद पठान सूरत में पकड़े गए थे. वहां से उन्हें लखनऊ लाया गया था.
यूपी उपचुनाव: मतदाता कर चुके हैं 109 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला, 24 अक्टूबर को आने हैं नतीजे
यूपी: घर घर जाकर वरिष्ठ नागरिकों रजिस्ट्रेशन करेगी पुलिस, ये है वजह