यूपी: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी हॉस्टल में छापेमारी, नकली पिस्टल और बम बनाने के सामान बरामद
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पीसीबी हॉस्टल में छात्र को गोली मारकर मौत के घाट उतारे जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेहद सख्त रुख अपनाया है. अदालत ने इस मामले में सुओ मोटो यानी स्वतः संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार और प्रयागराज के अफसरों से जवाब तलब कर लिया है.
प्रयागराज: इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी के पीसीबी हॉस्टल में दो दिन पहले छात्र की हत्या के मामले में हाईकोर्ट की फटकार के बाद सरकारी अमला अब हरकत में आ गया है.यूनिवर्सिटी के कई हॉस्टल्स में छापेमारी कर अवैध कब्जा धारकों को हटाया जा रहा है. ताराचंद हॉस्टल में छापेमारी के दौरान पुलिस ने नकली पिस्टल और बम बनाने के सामान बरामद किए हैं. हालांकि हॉस्टल्स के वैध छात्रों ने इस दौरान पुलिस पर उत्पीड़न करने का आरोप भी लगाया है. हॉस्टल से बम बनाने के सामान और नकली पिस्टल मिलने से एक बार फ़िर यह साफ़ हो गया कि यह अपराधियों के लिए सबसे सुरक्षित शरणगाह है.
अफसरों का कहना है कि इस बार सारे हॉस्टल्स में वॉश आउट अभियान चलाकर इन्हे अवैध कब्जाधारकों से पूरी तरह खाली करा दिया जाएगा. छापेमारी की कार्रवाई के दौरान कई मजिस्ट्रेट और युनिवर्सिटी प्रशासन के अफसरों के साथ ही पुलिस -पीएसी और रैपिड एक्शन फ़ोर्स की टीमें भी मौजूद थीं. अकेले ताराचंद हॉस्टल में छप्पन कमरों को सील किया गया. जिन कमरों को युनिवर्सिटी प्रशासन ने किसी छात्र को एलॉट नहीं किया था और वहां ताला लगा हुआ था, उन्हें जबरन तोड़ दिया गया.
गौरतलब है कि इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पीसीबी हॉस्टल में दो दिनों पहले इसी युनिवर्सिटी के पूर्व छात्र रोहित शुक्ल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सुओ मोटो लेते हुए यूपी सरकार व प्रयागराज के अफसरों से जवाब तलब कर लिया है. बाइस अप्रैल को फिर से अदालत में मामले की सुनवाई होनी है.