यूपी: कमलेश तिवारी हत्याकांड में एक के बाद एक हो रहे बड़े खुलासे, जानें अब तक क्या-क्या हुआ
कमलेश तिवारी हत्याकांड के तीन दिन बीत चुके हैं पर मामला अब भी वैसे ही उलझा हुआ है. पुलिस अबतक हत्यारों तक नहीं पहुंच पाई है. इस घटना के बाज प्रदेश की योगी सरकार सवालों के घेरे में आ गई है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कमलेश तिवारी हत्याकांड को लेकर यूपी पुलिस ने दिनरात एक कर दिया है फिर भी अभी उनके हाथ कोई बड़ी सफलता नहीं लग पाई है. पुलिस ने इस साजिश का पर्दाफाश तो कर दिया है लेकिन कमलेश को मौत के घाट उतारने वाले दोनों हत्यारे अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. सीसीटीवी और मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस को पता चला है कि दोनों की लोकेशन दिल्ली में है. ऐसे में यूपी पुलिस की टीम दिल्ली, लखनऊ, सूरत समेत कई शहरों लगातार छापेमारी कर रही हैं.
डीजापी ने कहा- आपत्तिजनक बयान के कारण हुई कमलेश की हत्या
यूपी के डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दावा किया है कि साल 2015 में पैगम्बर मोहम्मद पर आपत्तिजनक बयान के कारण हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश की हत्या की साजिश रची गई थी. जानें इस मामले में अबतक क्या कुछ हुआ है.
ओ पी सिंह ने बताया है कि इस वारदात में दो और आरोपी शामिल हैं, जिनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. उन्होंने बताया कि तिवारी के परिजनों की तरफ से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में यूपी के बिजनौर निवासी मौलाना अनवारूल हक और नईम काजमी के नाम हैं, उन्हें भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
मिठाई के डिब्बे में हथियार लाए थे हमलावर
कमलेश तिवारी की हत्या में दो लोग शामिल थे. उन्होंने पहले कमरे में चाय पी. हमलावर अपने साथ मिठाई के डिब्बे में बंदूक और चाकू लेकर पहुंचे थे. एक ने गला रेता और दूसरे ने गोली मार दी. कमलेश पर चाकू और बंदूक दोनों से वार किया गया. पुलिस को मौके से एक पिस्तौल भी मिली थी.
कमलेश तिवारी के करीबी का दावा, हत्यारों ने सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी के जरिए बढ़ाई थी नजदीकी
जानकारी के मुताबिक कमलेश तिवारी तक पहुंचने के लिए हत्यारों ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया था. फेसबुक पर हत्यारों ने हिंदू समाज पार्टी के समर्थक के तौर पर पहले फेसबुक आईडी बनाई और फिर उस आईडी के जरिए कमलेश तिवारी और उनके करीबियों से नजदीकी बढ़ाने लगे.
कमलेश तिवारी के बेहद करीबी और हिंदू समाज पार्टी के कार्यकर्ता गौरव गोस्वामी की माने तो गौरव को भी रोहित सोलंकी की आईडी से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी. इसी के जरिए गौरव और उस कथित रोहित सोलंकी से बातचीत शुरू हुई थी. बातचीत के दौरान कथित रोहित सोलंकी ने कमलेश तिवारी से मिलने की इच्छा जाहिर की थी.
जांच के लिए SIT गठित
इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी का गठन किया है. एसआईटी में लखनऊ के आईजी एसके भगत, लखनऊ के एसपी क्राइम दिनेश पूरी और एसटीएफ के डिप्टी एसपी पीके मिश्रा शामिल हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कमलेश तिवारी हत्याकांड में प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी से रिपोर्ट भी मांगी है.
तीन लोगों कबूला गुनाह
गुजरात के सूरत से पकड़े गए तीन लोगों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. पकड़े गए तीन संदिग्धों के नाम मौलाना मोहसिन शेख सलीम (24), फैजान (30) और खुर्शीद अहमद पठान (30) हैं. तीनों सूरत के रहने वाले हैं. डीजीपी ने बताया कि सुराग मिलने के बाद शुक्रवार को ही छोटी-छोटी टीमें गठित की गई थी. जांच में इस मामले के तार गुजरात से जुड़े होने का संकेत मिला. बाद में लखनऊ के एसएसपी और गुजरात पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले.
कमलेश तिवारी हत्याकांड में सामने आया पाकिस्तान कनेक्शन! कमलेश तिवारी हत्याकांड में पाकिस्तान कनेक्शन सामने आया है. सूत्रों के मुताबिक, हत्या का कथित तौर पर मास्टरमाइंड रशीद पठान दुबई में काम करता था, उसका मालिक पाकिस्तान का था. इस मामले में गुजरात एटीएस ने पोरबंदर के एक शख्स को हिरासत में लिया है उससे पूछताछ की जा रही है. रशीद के मालिक और पोरबंदर से पकड़े गये शख्स के बीच कनेक्शन होने की आशंका जताई जा रही है.
हत्या करने वाले दोनों युवक 25 फुटेज में आए नजर, 150 से अधिक लोगों से पूछताछ
कमलेश तिवारी की हत्या करने वाले दोनों युवक 25 फुटेज में दिखाई दिए. 22 घंटे के दौरान कुल 155 कॉल का ब्यौरा खंगाला गया है. इस मामले में पुलिस ने 150 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई है. 12 अफसर समेत कुल 55 पुलिसकर्मी को मामले की तह तक पहुंचने के लिए लगाया गया है. फोरेंसिक लैब के 3 विशेषज्ञों से भी मदद ली गई है. एसपी क्राइम समेत 5 पुलिसकर्मी सूरत में पड़ताल कर रहे हैं.
लखनऊ के खालसा इन होटल में रुके थे हत्यारे, पुलिस के हाथ लगे कई अहम सुराग
इस मामले में पुलिस को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं. पुलिस ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि दोनों हत्यारे लखनऊ के खालसा इन होटल में रुके थे. उन्होंने अपने असली नाम से ही होटल में कमरा बुक कराया था. वहां जिन ID पर होटल की बुकिंग की गई थी वो संदिग्धों अशफाक और मोइनुद्दीन की ही होने की आशंका है. दोनों संदिग्ध होटल के रूम नंबर G 103 में रुके थे.
होटल के रूम से मिला ये सामान होटल के रूम में अलमारी में बैग, लोअर, लाल रंग का कुर्ता, भगवा रंग का कुर्ता, जिओ मोबाइल का नया बॉक्स, शेविंग किट, चश्मे का बॉक्स मिला है. कुर्ते के साथ साथ होटल में मिली तौलिया पर भी खून के निशान मिले हैं.
17 अक्टूबर की रात होटल में आए थे हत्यारे
जानकारी के मुताबिक आरोपी 17 अक्टूबर की रात 11 बजकर 8 मिनट पर होटल में आए थे. 18 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 38 मिनट गए फिर वापस दोपहर 1 बजकर 21 मिनट पर वापस आए. उसके बाद दोपहर 1 बजकर 37 मिनट पर होटल से चले गए. होटल के कमरे से पुलिस एक लावरिस बैग भी मिला है.
होटल में दी गई ID के मुताबिक संदिग्धों का पता- शेख अशफाक हुसैन पुत्र ज़ाकिर हुसैन और पठान मोइनुद्दीन अहमद निवासी 304, जिलानी अपार्टमेंट प्लॉट नंबर 15-16 पद्मावती सोसाइटी लिम्बायत सूरत सिटी गुजरात है.
उत्तर प्रदेश पुलिस को मिली तीन आरोपियों की ट्रांजिट रिमांड अहमदाबाद की एक अदालत ने कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में गुजरात एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए तीन लोगों की ट्रांजिट रिमांड रविवार को उत्तर प्रदेश पुलिस को दे दी. एक अधिकारी ने बताया कि अदालत ने रविवार शाम को आरोपियों मोहसिन शेख, फैजान और राशिद अहमद को 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड में उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया. आरोपियों को गुजरात एटीएस ने सूरत से गिरफ्तार किया था.
उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह तीनों आरोपियों के साथ एक पुलिस टीम लखनऊ के लिए रवाना होगी. तीनों लोगों को गुजरात एटीएस ने एक दुकान से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया था, जहां से उसने मिठाई खरीदी थी. तिवारी (45) की शुक्रवार को उनके लखनऊ स्थित निवास पर हत्या कर दी गई. उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि हत्या के सिलसिले में कुल पांच लोगों को पकड़ा गया है.
कमलेश की मां ने कही थी ये बात कुसुम तिवारी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने कमलेश की सुरक्षा घटा दी. अखिलेश सरकार में 17 सुरक्षाकर्मी दिए गए थे और योगी सरकार में 4. उनका कहना है कि वारदात के वक्त एक भी सुरक्षाकर्मी वहां मौजूद नहीं था. एक सुरक्षाकर्मी नीचे की तरफ था जो बुजुर्ग है.
कमलेश की मां ने कहा कि पुलिस ने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया. हमारे लोगों पर लाठी चार्ज की. वो बार बार ये बात दोहराती रही कि योगी सरकार की लापरवाही से कमलेश की हत्या हुई.
भतीजे का आरोप- बीजेपी नेता शिवकुमार गुप्ता से चल रहा था कमलेश का विवाद
कमलेश के भतीजे ने कहा है कि बीजेपी नेता शिवकुमार गुप्ता से मंदिर की जमीन को लेकर विवाद चल रहा था, दस दिन पहले उन्होंने कमलेश को जान से मारने की धमकी दी थी. वहीं कमलेश की पत्नी का ने भी कहा है कि बीजेपी नेता शिवकुमार गुप्ता से रामजानकी मंदिर ट्रस्ट को लेकर उनका विवाद चल रहा था. सीतापुर में महमूदाबाद में राम जानकी मंदिर है, जिसके ट्रस्ट के अध्यक्ष कमलेश तिवारी थे. इस मंदिर की संपत्ति का विवाद कोर्ट में बीजेपी के स्थानीय नेता शिव कुमार गुप्ता से चल रहा था.
काफी मशक्कत के बाद हो पाया कमलेश तिवारी का अंतिम संस्कार
कमलेश तिवारी के शव का अंतिम संस्कार कराने के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी.कमलेश तिवारी का परिवार सीएम योगी के आने के बाद ही अंतिम संस्कार की जिद पर अड़ा था. लेकिन पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारियों के आश्वासन पर परिवार अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गया.
योगी आदित्यनाथ से मिला कमलेश तिवारी का परिवार कमलेश तिवारी के परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके लखनऊ स्थित आवास पर रविवार सुबह 11 बजे मुलाक़ात की. परिजन हत्यारों की गिरफ़्तारी और उनको मुक़म्मल सज़ा की मांग कर रहे हैं. हालांकि सीएम योगी से मिलने के बाद कमलेश की मां कुसुम ने कहा कि मैं संतुष्ट नहीं हूं.
सीएम ने परिवार को हर संभव मदद देने और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है. इस मामले को लेकर योगी ने डीजीपी ओपी सिंह का भी तलब किया है.
सीएम योगी ने कहा- किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा
लखनऊ में कमलेश तिवारी की हत्या को भय फैलाने की हरकत करार देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाओं में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भय फैलाने के मकसद से किया गया कार्य है. इस मामले में पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है. इनमें से तीन को गुजरात में पकड़ा गया है. मामले की जांच के लिए विशेष दल गठित किया गया है. प्रदेश में भय और आतंक का माहौल बनाने वाले तत्वों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा और उनकी योजनाओं को ध्वस्त किया जाएगा ऐसी घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ना ही इसमें शामिल लोगों को बख्शा जाएगा.
क्या है पूरा मामला? बता दें कि लखनऊ के घनी आबादी वाले नाका हिंडोला इलाके में शुक्रवार को हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की दिनदहाडे़ हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार पर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. पुलिस के मुताबिक, दो लोग कमलेश नसे मिलने आए थे. इस दौरान कमलेश ने अपने एक साथी को उन दोनों के लिए पानी लाने के लिए भेजा था. जब वह लौटकर आया तो उसने कमलेश को खून से लथपथ हालत में पाया. कमलेश पूर्व में हिंदू महासभा से भी जुड़े थे.