लखनऊ: हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी के शव का अंतिम संस्कार कराने के लिए शनिवार को प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी.कमलेश तिवारी का परिवार सीएम योगी के आने के बाद ही अंतिम संस्कार की जिद पर अड़ा था. लेकिन पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारियों के आश्वासन पर परिवार अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गया. परिवार को मिले लिखित आश्वासन में बताया गया है कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार (20 अक्टूबर) तक कमलेश तिवारी के परिवार से मिलेंगे. कमलेश तिवारी के पैतृक घर सीतापुर में उनका अंतिम संस्कार किया गया.


शनिवार दोपहर बाद सीतापुर में उनके बड़े बेटे सत्यम तिवारी ने अपने पिता के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार के मद्देनजर महमूदाबाद के बाजार को ऐतिहातन बंद रखा गया और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने बलों की तैनाती कर रखी थी.


सीएम योगी को बुलाने की मांग पर अड़ा था परिवार, करेंगे मुलाकात


कमलेश तिवारी की शुक्रवार को उनके घर में ही गला रेत कर हत्या कर दी गई थी. जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारी परिजनों से शव का अंतिम संस्कार करने के लिए कहते रहे, लेकिन परिवार मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़ा रहा.


फिलहाल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर योगी मुंबई में हैं, जहां से वे लौटकर कमलेश तिवारी के परिवार से मुलाकात करेंगे. कमलेश तिवारी के अंतिम संस्कार में डीएम और पुलिस अधीक्षक शामिल हुए.


इन शर्तों को मान गई सरकार


मुख्यमंत्री से मुलाकात के अतरिक्त मानी गई मांगों में एनआईए द्वारा हत्या की जांच, कमलेश तिवारी के बड़े बेटे सत्यम को सरकारी नौकरी, लखनऊ में आवास, 24 घंटे के अंदर परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराए जाना, लखनऊ में शुक्रवार रात परिजन व कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज की जांच, पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए सभी हिंदूवादी कार्यकर्ताओं को अविलंब रिहा करना शामिल है.


इससे पहले शुक्रवार रात करीब तीन बजे शव के महमूदाबाद आने के बाद से ही करीब 11 घंटे से भी अधिक समय तक चली तनावपूर्ण स्थिति बनी रही, जिससे निजात लखनऊ के कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम और आइजी जोन एसके भगत के महमूदाबाद आने के बाद मिल सका.


शनिवार सुबह करीब साढ़े सात बजे एडीएम विनय कुमार पाठक भी एसडीएम बिसवां के साथ महमूदाबाद पहुंचे. उन्होंने भी परिवार को समझाया लेकिन कुछ नहीं हो पाया.


कमलेश तिवारी का शव महमूदाबाद लाए जाने पर उनकी मां ने आपत्ति जताई. वह नाका पुलिस पर खूब बरसीं और उत्पीड़न का आरोप भी लगाया.


दिनदहाड़े कार्यालय में घुस कर हुई कमलेश तिवारी की हत्या


बता दें कि लखनऊ के घनी आबादी वाले नाका हिंडोला इलाके में शुक्रवार को हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार पर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. पुलिस के मुताबिक, दो लोग कमलेश नसे मिलने आए थे. इस दौरान कमलेश ने अपने एक साथी को उन दोनों के लिए पानी लाने के लिए भेजा था. जब वह लौटकर आया तो उसने कमलेश को खून से लथपथ हालत में पाया. पड़ोसियों की मदद से कमलेश को अस्पताल ले जाया गया, जहां डक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. कमलेश पूर्व में हिंदू महासभा से भी जुड़े थे.


पुलिस ने खिया केस सुलझाने का दावा 


पुलिस ने केस सुलझाने का दावा किया है, गुजरात ATS का दावा है कि तीन आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. गुजरात ATS के DIG हिमांशु शुक्ला ने कहा कि हिरासत में लिए गई तीनों आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. यूपी पुलिस के DG ने भी माना कि तीनों साजिशकर्ताओं ने संलिप्तता कबूल कर ली है.


सीएम योगी ने कहा- किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा


लखनऊ में कमलेश तिवारी की हत्या को भय फैलाने की हरकत करार देते हुए शनिवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाओं में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भय फैलाने के मकसद से किया गया कार्य है. इस मामले में पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है. इनमें से तीन को गुजरात में पकड़ा गया है. मामले की जांच के लिए विशेष दल गठित किया गया है. प्रदेश में भय और आतंक का माहौल बनाने वाले तत्वों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा और उनकी योजनाओं को ध्वस्त किया जाएगा ऐसी घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ना ही इसमें शामिल लोगों को बख्शा जाएगा.


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