लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने नेताओं को संयमित भाषा की नसीहत दे रहे हैं, लेकिन उनकी सलाह बीजेपी नेताओं को रास नहीं आ रही है. इधर, विपक्ष सरकार को घेरने में जुटी है, बावजूद इसके बीजेपी नेताओं के विवादित बयान रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. इससे संगठन और सरकार दोनों के लिए मुसीबत खड़ी हो रही है.


विधायक रामरतन कुशवाहा


भारतीय जनता पार्टी के ललितपुर से विधायक रामरतन कुशवाहा के विवादित बयान से सूबे की राजनीति गरमा गई है. बीजेपी सांसद अनुराग शर्मा के सम्मान कार्यक्रम के दौरान सरकारी कर्मचारियों को लेकर ऐसा बयान दिया कि बीजेपी के नेताओं के लिए उस पर जवाब देना मुश्किल हो रहा है.


बीजेपी विधायक कुशवाहा ने कहा, "अभी प्रदेश में जो सरकारी कर्मचारी हैं, अगर महीने-दो महीने में ठीक नहीं होते हैं और हमारे कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं करते तो मैं कहता हूं कि जूता उतारिए और मारिए, क्योंकि एक सीमा होती है बर्दाश्त करने की."


कुशवाहा यहीं चुप नहीं हुए, उन्होंने कहा, "सपा-बसपा की मानसिकता के अधिकारी हैं, जिन्होंने चुनाव के समय भी बदतमीजी की थी. हमारे कार्यकर्ता को हड़काया था और सदस्यता के लिए मजबूर किया था." उन्होंने आगे कहा कि उनके पास ऐसे पुलिस और राजस्व कर्मचारियों के बारे में सूचना है और वे अभी सतर्क हो जाएं. बीजेपी नेता के इस बयान के बाद उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है.


सुरेंद्र सिंह क्या बोल गए?


अभी यह मुद्दा शांत नहीं हुआ कि बलिया से विधायक सुरेंद्र विवादित बयान की वजह से सुर्खियों में आ गए. उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ बयान देकर एक बखेड़ा कर दिया. ममता की तुलना लंकिनी से कर दी. उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान ममता ने जो संस्कार प्रस्तुत किए थे, उससे स्पष्ट हो गया था कि उनका व्यवहार मर्यादित व संस्कारिक नहीं था.


श्रीराम के नारे पर बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस में चल रहे घमासान के बीच सुरेंद्र सिंह ने कहा कि इंसान के रूप में ममता बनर्जी बेकार हैं. अब लंकिनी का नाश होगा और वहां (पश्चिम बंगाल में) विभीषण का राज होगा. बंगाल में बीजेपी ममता के विरोधियों की तलाश कर रही है. तृणमूल कांग्रेस के 10-20 विधायक बीजेपी से मिल भी चुके हैं. उसमें से असली विभीषण तलाशा जाएगा. राम उसका राज्याभिषेक करेंगे. इस दौरान सिंह ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि वर्ष 2024 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं. पूरी संभावना है कि वर्ष 2024 में भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो जाए.


साक्षी महाराज 


साक्षी महाराज यूं तो विवादित बयान देते रहे हैं, लेकिन इस बार उन्होंने गजब काम कर दिया. वह रेप के आरोप में बंद उन्नाव के विधायक कुलदीप सेंगर से जेल में मिलने पहुंच गए. सेंगर पर गैंगरेप और पीड़िता के पिता की हत्या का आरोप है. साक्षी महाराज ने कहा, "हमारे यहां के बहुत ही यशस्वी और लोकप्रिय विधायक कुलदीप सेंगर जी काफी दिन से यहां हैं. चुनाव के बाद उन्हें धन्यवाद देना उचित समझा तो मिलने आ गया."


साक्षी महाराज की ये मुलाकात इसलिए इतनी सुर्खियां बटोर रही हैं, क्योंकि साल भर पहले उन्नाव का वह दुष्कर्मकांड देश-दुनिया में काफी चर्चित हुआ था, जिसमें मुख्य अभियुक्त कुलदीप सेंगर बनाए गए थे.


इसके पहले भी साक्षी महराज ने पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि ममता का नाम सुनने के बाद हिरण्यकश्यप की याद आ जाती है. जैसा हिरण्यकश्यप के शासन में था, वैसे सब कुछ ममता बनर्जी ने किया और जितनी जल्दी हो पश्चिम बंगाल सरकार को बर्खास्त किया जाए.


ममता बनर्जी पर हमला करते हुए साक्षी महाराज ने कहा कि हिरण्यकश्यप के बेटे प्रहलाद ने जय श्रीराम कहा तो उसे जेल में बंद कर दिया. इन्होंने भी तीन लड़कों को इसलिए जेल भिजवा दिया, क्योंकि उन्होंने जय श्रीराम बोला था.


प्रधानमंत्री नरेंद्र  मोदी ने कही थी ये बात


बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने सभी चुने गये सांसदों को नसीहत देते हुए कहा था कि छपास यानी पेपर में फोटो छपने और दिखास यानी टीवी पर दिखाई देने की इच्छा से बचना चाहिए. उन्होंने सांसदों को नसीहत दी कि टीवी के माइक सामने देखते ही कुछ भी ना बोलें, क्योंकि इससे पार्टी को बहुत नुकसान होता है. प्रधानमंत्री मोदी की बात को चंद दिन ही बीते कि बीजेपी के कुछ नेताओं ने इस तरह के विवादित बयान दे दिए.


बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेयी ने कहा कि प्रधानमंत्री इस बारे में पहले ही कह चुके हैं. पार्टी के नेता अपनी भाषा से मर्यादित सीमा ना लांघे. जो अनुपालन नहीं करेगा, उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी. बीजेपी के संविधान में अनुशासन समिति भी आई शिकायतों पर विचार करेगी.


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