लखनऊ: मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए यूपी में क़ानून बनेगा. सीएम योगी आदित्यनाथ जल्द ही इस फ़ैसले का एलान कर सकते हैं. राज्य विधि आयोग ने इस बारे में अपनी सिफ़ारिशें उन्हें भेज दी हैं. क़ानून बन जाने पर दोषियों को उम्र क़ैद तक की सज़ा हो सकती है. मॉब लिंचिंग की पीड़ित परिवार को पांच लाख रूपये का मुआवज़ा भी मिलेगा. यूपी के क़ानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि विधि आयोग की रिपोर्ट पर विचार किया जा रहा है.


यूपी लॉ कमीशन ने मॉब लिंचिंग पर लगाम लगाने के लिए विशेष क़ानून बनाने की सिफ़ारिश की है. आयोग ने 128 पन्नों की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है. जिसमें भीड़ तंत्र से लोगों को बचाने के लिए कई तरह के उपाय बताए गए हैं. आयोग का मानना है कि अभी जो क़ानून हैं वो पर्याप्त नहीं है. अगर कमीशन की रिपोर्ट पर क़ानून बना तो फिर मॉब लिंचिंग में मौत होने पर दोषी को आजीवन कारावास की सज़ा मिलेगी.


पीड़ित को गंभीर चोट आने पर दोषी को दस साल तक की सज़ा मिल सकती है. मॉब लिंचिंग की घटना होने पर उस जिले के डीएम और एसपी ज़िम्मेदार होंगे. राज्य के क़ानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि अफसरों के ख़िलाफ़ भी विभागीय कार्रवाई होगी. विधि आयोग ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं का स्वत: संज्ञान लेते हुए विशेष क़ानून बनाने की सिफ़ारिश की है.


यूपी में मॉब लिंचिंग की कई घटनायें हो चुकी हैं. 2015 में दादरा में अख़लाक़ की मौत पर देश भर में बवाल हुआ था. हाल के कुछ महीनों में भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं.