लखनऊ: "मैंने उन्हें राशन लाने के लिए कहा था, घर में सामान बिल्कुल खत्म हो चुका था और बाहर कर्फ्यू के हालात थे" 28 साल की शबीना ने ये बातें कहीं जिनके पति वकील (32) की मौत गुरुवार को गोली लगने से हुई थी. लखनऊ के अमीनाबाद में सीएए और एनआरसी को लेकर बवाल चल रहा था और ऐसे में वकील की मौत हो गई. शबीना और वकील की शादी पिछले साल 4 नवंबर को हुई थी.


ठाकुरगंज इलाके के दौलतगंज में वकील के घर के बाहर भीड़ जमा है. वकील के पड़ोसी असलम ने कहा कि वकील ऑटो चलाता था जो उसने किसी से किराए पर लिया था. वकील का परिवार यहां पिछले काफी सालों से रहता है.


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वकील की मां नगमा ने कहा कि वकील किसी प्रदर्शन के लिए नहीं गया था बल्कि वो तो घर का सामान और दवाईयां लेने गया था क्योंकि ऐसी अफवाहें थीं कि कर्फ्यू लगने वाला है.


वकील अपने भाई बहनों में सबसे बड़ा था. चार भाईयों और तीन बहनों में से दो बहनों की शादी हो चुकी थी. उसके 18 साल के भाई शहीम ने कहा कि हमें करीब 5 बजे पता चला कि उसे गोली मार दी गई है. हमें नहीं पता कि उसे किसने मारा. हम उसे लेकर अस्पताल पहुंचे जहां बताया कि उसकी मौत हो चुकी है.


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पोस्टमार्टम हाउस के बाहर वकील के दोस्त समीर खान बैठे हैं जो शव के सौंपे जाने का इंतजार कर रहे हैं.


दूसरी ओर वकील के घर से करीब 4 किलोमीटर दूर तीन मरीज केजीएमयू में मौत से जंग लड़ रहे हैं जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है. शमीम के पास बैठी उसकी मां शादिया की आखों से आंसू नहीं थमते. वो कहती हैं कि उनका बेटा बेकसूर है लेकिन वो बस गलत वक्त पर गलत जगह था. शमीम के पेट में गोली लगी है.


केजीएमयू डॉक्टर्स ने उसका ऑपरेशन किया है लेकिन फिलहाल तक उसकी हालत खतरे से बाहर नहीं है. शमीम के पिता टैम्पो चलाते हैं. उन्होंने बताया कि गुरुवार को वो काम पर था जहां उसके बॉस ने उसे खाने खाकर आने को कहा था. रास्ते में उसने पुलिस को देखा और फिर उसकी नजर भीड़ पर गई. तभी उसको गोली लग गई, उसकी किसी ने मदद तक नहीं की.


15 साल के मोहम्मद जिलानी की मां रानी खातून ने कहा- वो दादी के घर जाने के लिए निकला था और हिंसा में फंस गया. उसकी चाची रेशमा खातून ने कहा कि डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन किया है और उसकी स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है.