नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद मायावती ने पहली बड़ी बैठक की. मायावती ने बसपा में बड़े संगठनात्मक बदलाव करते हुए एक बार फिर भाई और भतीजे पर अपना भरोसा जताया है. मायावती के भाई आनंद कुमार को फिर से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया तो वहीं भतीजे आकाश को नेशनल कॉर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी गई है. इस बार पार्टी में दो नेशनल कॉर्डिनेटर बनाए गए हैं. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामजी गौतम को भी नेशनल कॉर्डिनेटर बनाया गया है.

जानकारी के मुताबिक इस बैठक में देश भर से संगठन के क़रीब पांच सौ से ज़्यादा पदाधिकारी मौजूद थे. इनमें विधानसभा से लेकर मंडल प्रभारी तक शामिल थे. बैठक में जाने से पहले सभी के मोबाइल, पेन और चाभी जमा करवा लिए गए थे.

आकाश को देश भर में बीएसपी के संगठन को मज़बूत करने की ज़िम्मेदारी

पार्टी में उपाध्यक्ष ही अध्यक्ष के बाद सबसे ताक़तवर होता है. यानी भाई आनंद अब बहन मायावती के बाद पार्टी में नंबर दो के नेता होंगे. मायावती ने अपने भांजे आकाश को बीएसपी का नेशनल कोऑर्डिनेटर बना दिया है.आनंद के बेटे आकाश पिछले दो साल से मायावती के साथ साये की तरह रहते हैं. लोकसभा चुनाव से पहले ही मायावती ने उन्हें बड़ी ज़िम्मेदारी देने का एलान किया था. पिछले साल से ही पार्टी में नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाने की परंपरा शुरू हुई थी. ये पद पार्टी के प्रमुख महासचिव जैसा है. मायावती ने आकाश को देश भर में बीएसपी के संगठन को मज़बूत करने की ज़िम्मेदारी दी है. उन्हें नौजवानों को बीएसपी से जोड़ने को कहा गया है. लखनऊ में बीएसपी के नेताओं की बैठक के बाद मायावती ने इन फ़ैसलों के बारे में बताया. उन्होंने अपने भाषण में छोटे भाई आनंद और उनके बेटे आकाश की जम कर तारीफ़ की.

समझा जाता है कि मायावती ने आकाश को अपना राजनैतिक उत्तराधिकारी बना दिया है. विदेश से पढ़ाई कर लौटने के बाद से ही वे बुआ का हाथ बंटाते हैं. पर्दे के पीछे से बीएसपी के कई महत्वपूर्ण काम आकाश ही करते हैं. उनकी वजह से ही सोशल मीडिया से तौबा करने वाली मायावती का अपना ट्विटर हैंडल है. लोकसभा चुनाव से पहले बीएसपी ने सोशल मीडिया में एंट्री मारी.

आकाश पहली बार तब देखे गए थे जब मायावती ने तीन साल पहले सहारनपुर का दौरा किया था. उन दिनों वहां दलित बनाम ठाकुर संघर्ष चल रहा था. इसी झगड़े के बाद चंद्रशेखर आज़ाद दलितों के नेता बन कर उभरे. बताया जाता है कि मायावती ने आज़ाद को अपने साथ लेने का मन बनाया था. लेकिन आकाश ने इसका विरोध किया. उनके समझाने पर ही मायावती ने चंद्रशेखर आज़ाद की सार्वजनिक तौर पर कई बार आलोचना की.

मायावती ने इस बार यूपी में विधानसभा का उप चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया है

बीएसपी के एक बड़े नेता की मानें तो समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने के पीछे भी आकाश ही हैं. लोकसभा चुनाव नतीजे आने के बाद से ही वे अपनी बुआ पर इस बात का जवाब बनाने लगे थे. उनके सुझाव पर ही मायावती ने इस बार यूपी में विधानसभा का उप चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया है. 2009 के बाद से बीएसपी ने उप चुनाव से तौबा कर ली थी. उन दिनों मायावती यूपी की सीएम हुआ करती थी.

मायावती अपने भांजे आकाश के लिए लड़की भी ढूंढ रही हैं. वे जल्द से जल्द आकाश की शादी करा देना चाहती हैं. उनके पिता आनंद इससे पहले भी बीएसपी में उपाध्यक्ष रह चुके हैं. दो साल पहले मायावती ने उन्हें ये ज़िम्मेदारी दी थी. लेकिन कुछ ही महीनों बाद उनसे से काम छीन लिया गया. ये बताया गया कि आनंद की तबियत ठीक नहीं रहती है. मायावती अपने परिवार में छोटे भाई आनंद को ही सबसे अधिक मानती हैं. वे कई बार सार्वजनिक मंचों से उनकी तारीफ़ कर चुकी हैं. मायावती ने एक बार कहा था कि जब सीबीआई ने उनसे पूछताछ की थी, तब किसी ने साथ नहीं दिया. मुसीबत की उस घड़ी में आनंद चट्टान की तरह उनके साथ खड़े रहे.

कुछ सालों पहले लखनऊ की एक रैली में मायावती ने कहा था कि उनके बाद कोई दलित ही बीएसपी संभालेगा. इसी सभी में भाषण देते हुए उन्होंने कहा था कि परिवार का कोई सदस्य राजनीति में नहीं आएगा. न ही उनका राजनैतिक उत्तराधिकारी कोई रिश्तेदार होगा. लेकिन समय की नियति देखिए अब मायावती ने पूरी पार्टी ही अब भाई और भांजे के हवाले कर दी है.

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