लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार रात चीनी मिलों के मामले में कहा कि बीजेपी सरकार सरकारी एजेंसियों का हमेशा से दुरुपयोग करती आई है. सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग भारतीय राजनीति में अब तक किसी ने इस तरह नहीं किया था, जिस तरह बीजेपी कर रही है.


उन्होंने कहा कि सीबीआई को फिर से यहां एक बार तोते की तरह ही इस्तेमाल किया गया है. जबकि, यहां चीनी मिलों के विक्रय की कार्रवाई राज्य की पूर्व की स्थापित नीति के तहत संबंधित विभाग द्वारा की गयी थी. यदि इसकी प्रक्रिया में कोई कमी है या दोष है तो उसकी जांच हो सकती है, इसमें हमें कोई एतराज नही है.


मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, '‘बीजेपी अब ऐसे हथकंडे अपना रही है जो आजादी के बाद किसी भी सरकार ने नही किया है. चुनाव में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद पूर्व में रही किसी भी सत्ताधारी पार्टी ने खासकर सीबीआई, ईडी आदि एजेंसियों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक विरोधियों के लिये नहीं किया है, खासकर चुनाव के समय में. बीजेपी पहली ऐसी सत्ताधारी पार्टी है जिसने अपने राजनीतिक लाभ के लिये इन सब एजेंसियों का अपने विरोधियों के विरूद्ध खुलकर इस्तेमाल किया है और अभी भी कर रही है .'


उन्होंने कहा, 'यूपी में चीनी मिलो के विक्रय के विषय को भी सीबीआई द्वारा राजनीतिक रंग दिया जा रहा है. इतने पुराने मामले में खासकर लोकसभा चुनाव के दौरान जांच की अधिसूचना जारी किया जाना, सीबीआई के दुरूपयोग का स्पष्ट उदाहरण है.


मायावती ने कहा, ‘‘चीनी मिलों के विक्रय में मुख्यमंत्री के रूप में मेरी कोई भूमिका नही थी. मेरे खुद के स्तर से इस विषय में कोई आदेश या निर्देश पारित नही किया गया था बल्कि यह फैसला कैबिनेट ने ही लिया था.'


मायावती ने कहा कि चुनाव के दौरान कार्रवाई करके जनता को भ्रमित किया जा रहा है . वैसे भी चीनी मिलों के विक्रय के संबंध में आडिट आपत्तियों में अथवा लोकायुक्त की रिपोर्ट में मुख्यमंत्री के संबंध में कोई विपरीत टिप्पणी नही की गयी है. स्पष्ट है कि केंद्र सरकार चुनाव प्रभावित करने के इरादे से सीबीआई की मदद से यह साजिश कर रही है. लेकिन केंद्र सरकार षड्यंत्र में सफल नही होगी .'


गौरतलब है कि शुक्रवार 26 अप्रैल को सीबीआई ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर मायावती के कार्यकाल के दौरान 21 सरकारी चीनी मिलों की बिक्री में हुई कथित अनियमितता की जांच शुरू की है, जिससे बसपा सुप्रीमो की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.


अधिकारियों ने बताया कि 2011-12 में मायावती के कार्यकाल के दौरान चीनी मिलों की बिक्री से सरकारी खजाने को कथित तौर पर 1,179 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था.


उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार ने पिछले साल 12 अप्रैल को इस मामले में सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की थी.


अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के किसी अधिकारी या राज्य के किसी नेता को नामजद आरोपी नहीं बनाया है.


उन्होंने कहा कि सीबीआई ने उन सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम लिमिटेड की मिलों की खरीद के दौरान फर्जी दस्तावेज जमा किए थे.
अधिकारियों के मुताबिक, राज्य सरकार ने 21 चीनी मिलों की बिक्री और देवरिया, बरेली, लक्ष्मीगंज, हरदोई, रामकोला, चिट्टौनी और बाराबंकी में बंद पड़ी सात मिलों की खरीद में फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी.


ऐसे आरोप हैं कि मायावती की अगुवाई वाली सरकार ने 10 चालू मिलों सहित 21 मिलों को बाजार दर से कम पर बेच दिया था, जिसके कारण सरकारी खजाने को 1,179 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ.


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