कानपुर: गठबंधन की डिमांड पर मायावती करेंगी रैली, ओबीसी-एससी और मुस्लिम पर वोटरों पर है नजर
बसपा नेता ने बुधवार को अपने ट्वीट में कहा 'लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र पूर्व के उनके वादों की तरह ही दिखावा और छलावा ज्यादा लगता है. कांग्रेस की लगातार वादाखिलाफी का ही परिणाम है कि उसके वादों के प्रति जनता में विश्वास नहीं है. वैसे इस मामले में कांग्रेस और भाजपा में ज्यादा फर्क नहीं है.'
उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में मायावती ने कहा 'बीजेपी के नेता बसपा-सपा-रालोद गठबंधन के हाथों हार के डर से इतने ज्यादा भयभीत हैं कि वे मुद्दों के बजाए गठबंधन और इसके शीर्ष नेताओं के खिलाफ जातिवादी तथा अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. इनके उकसावे में नहीं आना है और चुनाव में अच्छा रिजल्ट दिखाकर इन्हें मुंहतोड़ जवाब देना है.'
यूपी: कन्नौज में बोले अखिलेश- 6 अप्रैल को नामांकन करेंगी डिंपल, इस बार जीत का अंतर बहुत ज्यादा होगा
बता दें कि यूपी में चुनाव प्रचार शुरू करने से पहले मायावती टिकटों में भारी फेरबदल के मूड में हैं. इसीलिए उन्होंने बाक़ी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी नहीं की है. बीएसपी ने एक सर्वे कराया है. जिसमें पार्टी के कई प्रत्याशी चुनाव हार रहे हैं. इस सर्वे के बाद से मायावती अपने उम्मीदवारों पर सर्जिकल स्ट्राइक करने की तैयारी में हैं. कम से कम सात- आठ टिकट बदलने का फ़ैसला हुआ है. यूपी में लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी, बीएसपी और आरएलडी में गठबंधन है.
Lok Sabha Election 2019: गाजियाबाद में सपा-बसपा-आरएलडी उम्मीदवार को समर्थन देगी आम आदमी पार्टी
यूपी में गठबंधन के फ़ार्मूले में बीएसपी को 38, समाजवादी पार्टी को 37 और आरएलडी को 3 सीटें मिली हैं. लेकिन मायावती ने अब तक सिर्फ़ 17 टिकटों का ही एलान किया है. बीएसपी के एक बड़े नेता ने बताया कि पार्टी ने एक एजेंसी से सर्वे करवाया है. जिसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं.