नई दिल्ली: बीजेपी नेताओं की हनुमान जी पर बयानबाजी रुकने का नाम नहीं ले रही है. अभी तक भाजपा नेता हनुमान जी की जाति बता रहे थे लेकिन अब उत्तर प्रदेश सरकार के कैबनेट मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान ने हनुमान जी को खिलाड़ी बता दिया है. चेतन चौहान ने कहा कि हनुमान जी कुश्ती लड़ते थे वो खिलाड़ी थे उनकी कोई जाति नहीं थी वो खिलाड़ी थे और मैं भी खिलाड़ी हूं. चेतन चौहान ने अमरोहा में पत्रकरों के सवालो का जवाब देते हुए हनुमान जी पर ये टिप्णी की.


हनुमान जी पर किसने क्या कहा?
बता दें कि ये सारा विवाद उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के उस बयान से शुरू हुआ था जिसमें उन्होंने में हनुमान जी को दलित बताया था. मुख्यमंत्री ने कहा था, ''बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं जो स्वयं वनवासी हैं, गिर वासी हैं, दलित हैं और वंचित हैं.''


जाट थे हनुमान जी: योगी के मंत्री
य़ोगी सरकार में धार्मिक मामलों के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने भी हनुमान जी की जाति पर टिप्पणी की है. चौधरी का कहना है कि हनुमान जी जाट थे. उन्होंने कहा कि जो दूसरों को दिक्कत में देखकर कूद पड़ते हैं, वह जाट ही हो सकता है. इसलिए हनुमान जाट थे.


बुक्कल नवाब ने बताया हनुमान
बीजेपी एमएलसी बुक्कल ननाव हनुमान जी को मुसमान बता चुके हैं. नवाब ने कहा, ''हनुमान जी मुसलमान थे. हनुमान जी मुसलमान थे, इसलिए मुसलमानों में जो नाम रखे जाते हैं - रहमान, रमज़ान, फरमान, ज़ीशान, कुर्बान - जितने भी नाम रखे जाते है, वे करीब-करीब उन्हीं पर रखे जाते हैं.' बुक्कल नवाब ने कहा, करीब 100 नाम ऐसे हैं, जो हनुमानजी पर ही आधारित हैं. हिंदू भाई हनुमान जी नाम रख लेंगें, लेकिन सुल्तान नहीं मिलेगा, अरमान, रहमान, रमजान नहीं रख सकते.''


आर्य थे हनुमान जी: केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री सतपाल सिंह ने कहा, ''भगवान राम और हनुमान जी के युग में इस देश में कोई जाति व्यवस्था नहीं थी, कोई दलित, वंचित, शोषित नहीं था. वाल्मीकी रामायण और रामचरितमानस को आप पढ़ेंगे तो आपको मालूम चलेगा कि उस समय को जाति व्यवस्था नहीं थी.' उन्होंने आगे कहा- 'हनुमान जी आर्य थे, इस बात को मैंने स्पष्ट किया है, उस समय आर्य जाति थी और हनुमान जी उसी आर्य जाति के महापुरुष थे.''


दलित नहीं, आदिवासी थे हनुमान: नंद कुमार साय
राष्ट्रीय अनुसूचित- जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने दावा किया था कि हनुमान जी आदिवासी थे. ''मैं स्पष्ट करना चाहता हूं...लोग सोचते हैं कि भगवान राम की सेना में वानर, भालू, गिद्ध थे. ओरांव आदिवासी से संबद्ध लोगों द्वारा बोली जाने वाली कुरुख भाषा में 'टिग्गा (एक गोत्र है यह) का अर्थ वानर होता है. कंवार आदिवासियों में, जिनसे मेरा संबंध है, एक गोत्र है जिसे हनुमान कहा जाता है.''


उन्होंने कहा, ''इसी प्रकार, गिद्ध कई अनुसूचित जनजातियों में एक गोत्र है. अतएव मेरा मानना है कि वे आदिवासी समुदाय से थे और उन्होंने इस बड़ी लड़ाई में भगवान राम का साथ दिया.''