बरेली: उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निवारक) अधिनियम के तहत तुरंत गिरफ्तारी के प्रावधान को खत्म करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार द्वारा पलटे जाने को "दबाव में किया गया निर्णय" करार दिया है.

उन्होंने कहा है कि सरकार को ऐसे निर्णय लेने से बचना चाहिये, जिनसे वर्ग संघर्ष के हालात पैदा हों. प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राजभर ने कहा कि एससी-एसटी कानून के तहत दर्ज मुकदमों में बिना जांच के गिरफ्तारी करने से गैर अनुसूचित जाति के लोगों का शोषण और उत्पीड़न होगा. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में जो फैसला दिया था, वह सही था.

विधानसभा में बोले बीजेपी विधायक- मेरी जान को खतरा है लेकिन नहीं मिल पा रही सुरक्षा

मां की मौत के बाद नाबालिग बेटी के साथ डेढ़ साल तक बलात्कार करने वाला पिता गिरफ्तार

यूपी के शाहजहांपुर में बलात्कार पीड़िता ने किया आत्मदाह, तीन पुलिस अधिकारी निलंबित

उन्होंने कहा कि राज्यसभा में अनुसूचित वर्ग के सांसदों की संख्या ज्यादा है, लिहाजा केंद्र सरकार ने दबाव में आकर पुरानी व्यवस्था बहाल करा दी है. सरकार किसी भी दबाव में ऐसे फैसले ना ले, जिससे वर्ग संघर्ष जैसी स्थिति पैदा हो.

प्रदेश में बीजेपी के सहयोगी दल 'सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी' के अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने वोट बैंक की राजनीति के चलते गलत विधेयक पारित करा दिया है, जबकि सवर्ण और पिछड़ा वर्ग किसी भी सरकार को बनाने और गिराने की ताकत रखते हैं.

एसपी के खिलाफ फेसबुक पोस्ट लिखने वाले बीजेपी नेता को कोतवाली से छुड़ा ले गए समर्थक

सुप्रीम कोर्ट ने हाल में एक आदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारक) अधिनियम के तहत बिना जांच किये तुरंत गिरफ्तारी के प्रावधान को खत्म कर दिया था. उसके बाद केंद्र सरकार ने इसी महीने संसद में एक संशोधन विधेयक पारित करके पुरानी व्यवस्था को बहाल कर दिया था.

राजभर ने कहा कि उनकी दोस्ती बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से है. इस वजह से वर्ष 2022 तक उनकी पार्टी बीजेपी के साथ हैं लेकिन अगर बीजेपी सरकार कुछ गलत करेगी तो वह उसका विरोध भी करते रहेंगे.