लखनऊ: अयोध्या राम जन्मभूमि को लेकर जहां सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, वहीं उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री सुनील भराला ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में राममंदिर बन जाएगा. उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री पंडित सुनील भराला ने कहा, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास अपार शक्ति है. इसी कारण उत्तर प्रदेश में उनके कार्यकाल में ही अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा."
मंत्री पंडित सुनील भराला ने दावा करते हुए कहा, "भगवान राम का मंदिर निश्चित रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में बनाया जाएगा. वह एक निर्णायक व्यक्ति हैं. वह अपने हाथों से मंदिर का निर्माण करेंगे. उनके पास तो 'अपार शक्ति' है."
सुनील भराला ने कहा, "भाजपा की सरकार में माहौल बदला है. अब कांवड़ यात्रा में डीजे पर प्रतिबंध नहीं है. जो अधिकारी कांवड़ यात्रा का विरोध करते थे, अब वही यात्रा पर पुष्प वर्षा कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट का प्रतिबंध शादी-ब्याह, बारात व रात में होने वाले कार्यों पर है. धार्मिक यात्रा पर डीजे पर प्रतिबंध नहीं है. उन्होंने कहा रामनवमी पर भी पुष्प वर्षा करवाई जाएगी."
अयोध्या भूमि विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर को लेकर इन दिनों प्रतिदिन सुनवाई चल रही है, ऐसे में दर्जा प्राप्त मंत्री का यह बयान बेहद ही चौंकाने वाला है. इस बीच विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी कारसेवकपुरम में राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशने के काम को तेज करना शुरू कर दिया है.
बता दें कि आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के वंशज हबीबुद्दीन तुसी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए सोने की ईंट देने की पेशकश की है. हालांकि, वह चाहते हैं कि बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि उन्हें सौंप दी जानी चाहिए क्योंकि वह मुगल काल के संस्थापक बाबर के वंशज हैं, इसलिए जमीन पर उनका ही असल अधिकार है, बाबर ने ही 1529 में बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया था.
प्रिंस तुसी ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट उन्हें जमीन सौंपता है, तो वह लोगों की भावनाओं का खयाल रखते हुए पूरी जमीन को राम मंदिर के निर्माण के लिए दान कर देंगे. तुसी का कहना है कि वह उन लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हैं जिनका यह मानना है कि राम मंदिर बाबरी मस्जिद की जगह पर था.
बता दें कि बाबरी मस्जिद को 6 दिसंबर 1992 को सैकड़ों कार सेवकों ने गिरा दिया था. तुसी ने खुद को बाबरी मस्जिद का पक्षकार बनाने के लिए भी एक याचिक दाखिल की है. लेकिन कोर्ट में उनकी याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार किया जाना बाकी है.
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