गोरखपुर: पिछले रविवार जब सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में सामूहिक विवाह कार्यक्रम में मौजूद थे, तो उस समय मंच पर उपस्थित तमाम जनप्रतिनिधियों के बीच संतकबीर नगर के युवा सांसद शरद त्रिपाठी की गैर-मौजूदगी लोगों के बीच चर्चा का सबब बनी रही. सामूहिक विवाह कार्यक्रम में चार जिलों की सभी विधानसभाओं और लोकसभाओं के पार्टी प्रतिनिधि मौजूद थे. यहां तक की महराजगंज के नौतनवा सीट से निर्दलीय दागी विधायक अमनमणि त्रिपाठी भी कार्यक्रम में मौजूद थे. जबकि संतकबीर नगर के सांसद शरद त्रिपाठी अनुपस्थित रहे. शरद त्रिपाठी गोरखपुर की जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) के सह-अध्यक्ष भी हैं.
नहीं मिला औपचारिक निमंत्रण- सांसद
इस बारे में पूछे जाने पर सांसद शरद त्रिपाठी ने बताया कि उन्हें इस कार्यक्रम की सूचना तो थी लेकिन उन्हें कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला था. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के प्रचार के दौरान भी कहीं उनके नाम की कोई आधिकारिक चर्चा नहीं हुई. जबकि उनकी लोकसभा की एक विधानसभा खजनी, गोरखपुर जिले में ही आती है और वह जिले की दिशा कमेटी के सह-अध्यक्ष भी हैं. इसके अलावा शरद त्रिपाठी विदेश मामलों पर स्थायी समिति सदस्य, ग्रामीण विकास मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य होने के साथ ही साथ पंचायती राज, पेयजल और स्वच्छता समिति के भी सदस्य हैं.
क्या है उपेक्षा की वजह
बताया जा रहा है कि सूबे में जब मुलायम सिंह यादव की सरकार थी, तो योगी गोरखपुर के तत्कालीन सांसद थे. 2007 में हुए गोरखपुर दंगो के समय योगी पर मुकदमा किया गया और उन्हें जेल जाना पड़ा. तब रमापति राम त्रिपाठी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष थे. पार्टी नेतृत्व तब जनाधार के संकट से जूझ रही थी. ऐसे में प्रदेश नेतृत्व योगी के समर्थन में कुछ खास नहीं कर पाया. हालांकि संत समाज ने योगी के पक्ष में मोर्चा खोला. हालात ऐसे थे कि योगी सदन में रो पड़े थे. वर्तमान में संतकबीर नगर सांसद तत्कालीन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रामपतिराम त्रिपाठी के बेटे हैं. माना जा रहा है यही वजह है कि योगी के सूबे की सत्ता संभालने के साथ ही युवा सांसद प्रदेश में उपेक्षित हो रहे हैं.
पत्नी की हत्या का आरोपी अमनमणि कार्यक्रम में थे मौजूद
वहीं महराजगंज की नौतनवा सीट के निर्दलीय विधायक अमनमणि की मंच पर उपस्थिति चर्चा का केन्द्र था. अमनमणि पत्नी सारा की हत्या का आरोपी है. इसी मामले में उनके खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है. इसके अलावा अभी कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री के जनता दरबार में एक फरियादी की जमीन के कब्जे के मामले में भी अमनमणि का नाम सामने आया था. पत्नी की हत्या के आरोपी का सामूहिक विवाह कार्यक्रम में आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित होना भी चर्चा के केंद्र बिंदु में रहा.