लखनऊ: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आजम खान का बचाव किया. लखनऊ में समाजवादी पार्टी के ऑफिस में मुलायम सिंह ने कहा कि हमारे साथी आज़म ख़ान ने देश-विदेश के मित्रों से चंदा लेकर जौहर यूनिवर्सिटी बनाई है. सारी जिंदगी उन्होंने मेहनत कर यूनिवर्सिटी बनाई है. मुलायम ने कहा कि यूनिवर्सिटी के निर्माण में सैकड़ों बीघा ज़मीन ख़रीदने वाला इंसान डेढ़ दो बीघा जमीन की बेईमानी नहीं कर सकता. बात करते-करते मुलायम सिंह रो भी पड़े.


मुलायम सिंह ने कहा कि आज़म साधारण परिवार के हैं, ज़िन्दगी भर मेहनत की है. बहुत मेहनत के बाद छात्रसंघ के नेता बने. उनपर मात्र 2 बीघा जमीन के लिए 27 मामले दर्ज किए गए हैं. एक ही गाटा संख्या पर कई मामले दर्ज कर लिए गए हैं. ग़रीबों की लड़ाई लड़ने वाले आज़म कैसे ज़ालिम हो सकते हैं. मुलायम ने कहा कि आज़म खान को जिस तरह बदनाम किया जा रहा है, उसके ख़िलाफ़ मैं भी और पार्टी के कार्यकर्ता भी आंदोलन में शामिल होंगे.

आजम खान पर अब तक 78 मुकदमे दर्ज 


रामपुर के सांसद आजम खान पर अब तक 78 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. भैंस चोरी और लूटपाट से लेकर जमीन हड़पने तक. पुलिस उनके घर वालों तक से पूछताछ कर चुकी है. आजम खान पर गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा है. वे कहां हैं, किस हालात में हैं, किसी को नहीं पता. पुलिस द्वारा कई मामलों में जांच की जा चुकी है बाकि मामलों में तफ्तीश जारी है.


आजम खान की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं और पुलिस एक के बाद मुकदमे उन पर दर्ज कर रही है. आजम खान और उनसे जुड़े लोग इन्हें राजनीति से प्रेरित बताते हैं वहीं पुलिस और प्रशासन का कहना है कि वे लोग निष्पक्ष जांच और कार्रवाई कर रहे हैं.


आजम खान ने कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी जो खारिज हो गई. माना जा रहा है कि पुलिस आजम खान को जल्द ही गिरफ्तार कर सकती है. भैंस चोरी से पहले आजम खान पर मदरसे की किताबें चोरी करने, शेर की मूर्तियां चोरी करने और जमीन कब्जाने के आरोप लग चुके हैं.


33 साल पुरानी है मुलायम-आजम की दोस्ती


मुलायम सिंह यादव और आजम खान की दोस्ती करीब 33 साल पुरानी है. मुलायम ने जब 1992 में समाजवादी पार्टी बनाई. तब से आजम खान उनके साथ रहे हैं. बीच में अमर सिंह के कारण कुछ महीनों के लिए आजम पार्टी से अलग हो गए थे. आजम खान कई बार कह चुके हैं कि उनकी सियासत मुलायम सिंह तक ही है. मुलायम परिवार में मचे घमासान के दौरान आजम ने शिवपाल यादव के बदले अखिलेश यादव का साथ दिया था. आजम के समर्थन में समाजवादी पार्टी के समर्थकों ने पिछले ही महीने सड़कों पर प्रदर्शन भी किया था.