बागपत: देशभर में तीन तलाक पर छिड़ी बहस के बीच एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. बागपत जिले के दोघट थाना क्षेत्र के फौलाद नगर गांव निवासी सम्प्रदाय विशेष की एक युवती ने तीन तलाक से खौफ से अपना धर्म ही बदल डाला और घर से भागकर अपने ही गांव के हिंदू युवक से मंदिर में शादी कर ली.


नवविवाहित जोड़ा अपनी सुरक्षा की गुहार लगाने के लिए जब अदालत पहुंचा तो युवती के परिजनों को इस बात का पता चल गया और उन्होंने अदालत के परिसर में युवती पर हमला बोल दिया, जिससे वहां भगदड़ मच गई. युवती ने अपनी जान बचाने के लिए गुहार लगाई तो लोगों ने युवती और उसके प्रेमी पति को बचाया. सूचना पर पुलिस ने आरोपी लोगों को हिरासत में ले लिया है और नवविवाहित जोड़े को अदालत में पेश किया जहां से बयान के बाद उन्हें उनकी मर्जी पर दिल्ली में छोड़ दिया गया.

पीड़ित युवती का कहना है कि उनके संप्रदाय में सात जन्मों का रिश्ता तीन तलाक बोल कर एक ही झटके में खत्म कर दिया जाता है वह तीन तलाक को लेकर हमेशा भयभीत रहती थीं. धर्म परिवर्तन की यही बड़ी वजह है. युवती का कहना है कि वह और उसका पति दीपक अब एक दूसरे का साथ सात जन्मों तक निभाएंगे.

यह है पूरा मामला
फौलाद नगर के खैरून का काफी समय से गांव के ही दीपक के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था जिसके चलते उसने दीपक के साथ शादी करने का फैसला कर लिया. इसके पीछे खैरून की सोच यह भी थी कि उनके यहां तलाक तलाक कहकर सात जन्मों के रिश्ते को खत्म कर दिया जाता है. खैरून परिजनों से डरकर 17 मार्च को दीपक के साथ फरार हो गई, जिसके बाद खैरून के परिजनों ने दीपक समेत चार लोगों के खिलाफ दोघट थाना क्षेत्र में मुकदमा कायम करा दिया. 24 मार्च को खैरून ने धर्म परिवर्तन कर अपना नाम खुशबू रख लिया और 25 मार्च को गाजियाबाद के आर्य समाज मंदिर में दीपक से शादी कर ली. हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस सुरक्षा के बीच खैरून और दीपक न्यायालय में बयान दर्ज कराने आए थे.

यह कहना है अधिवक्ता का
खैरून और दीपक के वकील विनय कुमार का कहना है कि खैरून ने तीन तलाक से डर कर धर्म परिवर्तन किया है और गैर संप्रदाय के युवक दीपक से शादी का फैसला किया दोनों को कोर्ट में पेश किया गया था जहां पर खैरून के परिजनों ने उस पर हमला बोल दिया. बयान के बाद दोनों को उनकी इच्छा अनुसार दिल्ली में छोड़ दिया गया है.