हापुड़ गैंगरेप मामला: राष्ट्रीय महिला आयोग ने यूपी डीजीपी को लिखा पत्र, मांगी विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट
बता दें कि महिला ने 28 अप्रैल को खुद को आग के हवाले कर जान देने की कोशिश की थी. वह 80 फीसदी जल गई है और अस्पताल में भर्ती है. हापुड़ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) यशवीर सिंह का कहना है कि महिला खुद जली या उसे जलाया गया, यह जांच का विषय है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में 29 साल की विवाहिता के साथ उत्पीड़न, सामूहिक बलात्कार और खुद को आग लगाने के मामले में पुलिस द्वारा शिकायत दर्ज करने से इनकार करने पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने यूपी डीजीपी को एक पत्र लिखा है, जिसमें हापुड़ मामले में विस्तृत कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई है. उन्होंने लिखा कि 'हापुड़ में एक महिला जो घरेलू मदद के लिए बाहर काम करती थी, महिला को कथित रूप से निरंतर उत्पीड़न, सामूहिक बलात्कार का शिकार होना पड़ा और महिला ने खुद आग लगाकर जान देने की कोशिश की क्योंकि पुलिस ने उसकी शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया.
बता दें कि महिला ने 28 अप्रैल को खुद को आग के हवाले कर जान देने की कोशिश की थी. वह 80 फीसदी जल गई है और अस्पताल में भर्ती है. हापुड़ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) यशवीर सिंह का कहना है कि महिला खुद जली या उसे जलाया गया, यह जांच का विषय है. एसपी ने यह भी कहा कि महिला की शिकायत पर पूर्व में भी कई बार जांच हो चुकी है, लेकिन घटना की पुष्टि नहीं हो सकी.
एसपी के अनुसार, महिला अपने साथ उत्पीड़न और गैंगरेप की घटना को पांच साल पुरानी बता रही है. सभी घटनाएं अलग-अलग समय और अलग-अलग स्थानों की बताई गई हैं.उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटना के संबंध में गांव के लोगों से भी बात की है, लेकिन किसी ने भी घटना की पुष्टि नहीं की.
बहरहाल, सिंह ने कहा कि पीड़िता की शिकायत के आधार पर बाबूगढ़ थाना पुलिस ने 14 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी है.
गौरतलब है कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मामले का संज्ञान लेकर 11 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था और महिला के लिए न्याय की मांग की थी.
उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘पीड़िता को हापुड़ में पुलिस के हाथों असहनीय उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, बार-बार शिकायत करने पर भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया.'’
पत्र में यह भी लिखा है, ‘‘उप्र पुलिस के संवेदनहीन और शर्मनाक रवैये की वजह से पीड़िता ने खुद को आग के हवाले कर लिया. ’’
पत्र के अनुसार पीड़िता को कथित रूप से 10 हजार रुपये के लिए हापुड़ के एक शख्स को बेच दिया गया था. उस शख्स ने कई लोगों से कर्ज लिया हुआ था और बदले में वह पीड़िता को बिना मेहनताना के उनके यहां घरेलू काम करने के लिए मजबूर करता था. वहां पीड़िता के साथ कई बार उत्पीड़न और सामूहिक बलात्कार हुआ.
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