नई दिल्ली: छुट्टा गाय-बैलों की मुसीबत से छुटकारे के लिए योगी सरकार ने नया फैसला किया है. जल्द ही इस फैसले पर काम शुरू हो जायेगा. आवारा गोवंश रखने के बदले अब सरकार से हर महीने 900 रूपये मिलेंगे. ये किश्त हर महीने किसानों के बैंक खाते ट्रांसफ़र हो जायेगा. इस नई योजना ती शुरूआत बुंदेलखंड से होगी. जहां आवारा पशुओं ने लोगों का सुख चैन छीन लिया है. छुट्टा जानवर किसानों की फ़सल खा जाते हैं. जब ये सड़कों पर घूमते हैं तो हर रोज़ हादसे होते हैं.


बुंदेलखंड के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस योजना को गोरखपुर और वाराणसी के आसपास के इलाक़ों में लागू करने का मन बनाया है. पीएम नरेन्द्र मोदी वाराणसी से सांसद हैं जबकि ख़ुद योगी लगातार 5 बार गोरखपुर के एमपी रहे.


हाल में हुए लोकसभा चुनावों में छुट्टा गोवंश एक बड़ा मुद्दा रहा. प्रियंका गांधी से लेकर मायावती और अखिलेश यादव ने इसी बहाने यूपी की योगी सरकार पर जम कर हमले किए थे. योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव की चुनावी सभाओं में भी छुट्टा जानवरों ने बड़ा हंगामा मचाया था. पीएमओ ने भी प्रधान मंत्री को ये जानकारी दी थी कि आवारा पशुओं से किसान बहुत परेशान हैं.


पीएम नरेन्द्र मोदी के कहने पर कुछ अफ़सरों ने यूपी का दौरा भी किया था. इसी फ़ीडबैक के बाद योगी सरकार ने गोवंश पालने के बदले पैसे देने का फ़ार्मूला निकाला है. तय हुआ है कि शुरूआत में एक गोवंश को रखने के बदले में 900 रूपये हर महीने दिए जायेंगे.अगर किसानों की तरफ़ ये बात सामने आई कि इतने पैसे में गुज़ारा नहीं हो सकता, तो किस्त बढ़ाई भी जा सकती है.


2017 में मुख्य मंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने यूपी के सभी अवैध बूचड़खाने बंद करा दिए थे. राज्य भर में बड़े पैमाने पर छापेमारी और धर पकड़ हुई थी. गो तस्करी और गोकशी यूपी में बड़ी समस्या रही है. लेकिन योगी सरकार के आते ही इन पर बड़ी कार्रवाई हुई. कई गिरफ़्तार किए गए. इसका एक असर ये भी हुआ कि छुट्टा जानवरों की संख्या भी काफ़ी बढ़ गई.


बुंदेलखंड में तो ये समस्या पहले से ही थी. गाय दूध देना बंद कर देती है तो किसान उसे बाहर छोड़ आते हैं. बैल बूढ़े होने पर भी किसान ऐसा ही करते हैं. यूपी के लाखों किसानों के खेत ऐसे छुट्टा गोवंश खा गए. किसान सड़क पर उतर आए. बात मुख्य मंत्री तक पहुंची. फिर यूपी के सभी 75 जिलों में गोशाला खोलने का फ़ैसला हुआ. लेकिन कैसे? सरकार के पास इतना बजट भी नहीं था. गोशाला बनाने के लिए सभी जिलों को एक एक करोड़ रूपये ही दिए गए. कहा गया कि बाक़ी का इंतज़ाम कॉरपोरेट कंपनियों और स्वयंसेवी संस्थाओं से कर लें. योगी आदित्यनाथ को ख़ुश करने के चक्कर में कुछ जिलों के डीएम ने तो अपने सरकारी बंगले पर ही गोशाला बना लिए.


योगी सरकार ने गोवंश आयोग भी बनाया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कल बुंदेलखंड और पूर्वांचल विकास बोर्ड की मीटिंग बुलाई थी. देर रात तक चली बैठकों में इन पिछड़े इलाक़ों का विकास कैसे हो, इस पर चर्चा हुई. इसी चर्चा के दौरान योगी ने गोवंश पालने के बदले किसानों को आर्थिक मदद देने के फ़ैसले के बारे में बताया.


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