मेरठ: कोरोना वायरस के डर के बाद अब उत्तर प्रदेश में स्वाइन फ्लू का डर और कहर बढ़ रहा है. राज्य में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या नौ हो गई है, जिनमें से छह अकेले मेरठ से हैं और जिले में पिछले 48 घंटों में प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) के 17 जवान बीमारी से संक्रमित पाए गए हैं.
मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी राज कुमार ने कहा, "बुखार, सर्दी और इसी तरह के अन्य लक्षणों की शिकायत के साथ लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (एलएलआरएमएमसी) में भर्ती छठी बटालियन के 27 पीएसी जवानों में से 17 की स्वाइन फ्लू रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, इसलिए, बटालियन में लगभग 370 जवानों को टैमीफ्लू की गोलियां दी गईं और संक्रमण के और प्रसार को रोकने के लिए कैंपस में बने रहने का निर्देश दिया गया. इसके साथ ही जिले में स्वाइन फ्लू के कुल मामलों की संख्या 71 हो गई है."
अधिकारी ने कहा, "हमने एलएलआरएमएमसी के आइसोलेशन वार्ड में 40 और बेड लगाए हैं. कुल संख्या 56 हो गई है."
जिला अस्पताल और अन्य निजी अस्पतालों को भी आइसोलेशन वार्ड में बेड की संख्या बढ़ाने के लिए कहा गया है.
स्वाइन फ्लू के मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर, डॉक्टरों ने सलाह दी है कि बीमारी के प्रसार से बचने के लिए संक्रमित रोगी की देखभाल के लिए परिवार के केवल एक सदस्य को शामिल किया जाना चाहिए. लोगों को बार-बार हाथ धोने, रोगी के आसपास मास्क पहनकर रहने और रोगी के कमरे की सफाई का ध्यान रखने की सलाह दी गई है.
स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ्लू के मरीजों में पाए जाने वाले लक्षण अन्य संक्रामक बीमारियों की ही तरह होते हैं. फ्लू के शिकार व्यक्ति को बुखार आता है लेकिन यह लगातार न होकर आता जाता रहता है. इसके अलावा मरीज को गले में खराश की शिकायत रहती है. जुकाम बना रहता है, मांसपेशियों में दर्द और सिरदर्द की शिकायत रहती है. मरीज को ठंड लगने के साथ-साथ दस्त और उल्टी भी आती है. बीमारी बढ़ने के बाद मरीज को सांस लेने मे दिक्कत होती है. इसके अतिरिक्त-ब्लड में ऑक्सीजन की कमी, मानसिक अस्थिरता, शरीर में पानी की कमी का होना, गुर्दे में खराबी, डायबिटीज की शिकायत हो सकती है.
स्वाइन फ्लू को रोकने का उपाय
बीमारी को रोकने के लिए डॉक्टर वार्षिक फ्लू टीकाकरण की सिफारिश करते हैं. टीके को इंजेक्शन और नाक स्प्रे के रूप में लिया जा सकता है. लेकिन गर्भवती महिलाओं में स्प्रे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. फ्लू से प्रभावित व्यक्ति को कहीं आने जाने से बचना चाहिए. बुखार उतरने के बाद कम से कम 24 घंटे तक घर पर रहें. अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से और बार-बार धोएं. खांसी और छींक होने पर अपना मुंह और नाक ढक लें. और फेस मास्क पहनें. साथ ही भीड़ से दूर रहें.
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