लखनऊ: अपने पिता की अधूरी इच्छा पूरी करने के लिए नौ साल की रिमझिम ने एड़ी से चोटी का जोर लगा दिया और आखिरकार वो जीत ही गई. रिमझिम के पिता आनंद शर्मा ने योगी आदित्यनाथ के लिए लकड़ी की एक खड़ाऊं बनाई थी. ये खड़ाऊं वो मुख्यमंत्री को देना चाहते थे लेकिन पिछले साल नवंबर महीने में वे चल बसे. उनके निधन के बाद से ही उनकी बेटी परेशान थी. रिमझिम को समझ में नहीं आ रहा था कि सीएम योगी तक खड़ाऊं कैसे पहुंचाये. अब यूपी के सीएम ने उसे 24 जनवरी को अपने घर बुलाया है. उस दिन योगी रिमझिम के साथ नाश्ता भी करेंगे.


रिमझिम ने अपने पिता की ख़्वाहिश पूरी करने के लिए क्या नहीं किया. उसकी मां तीन साल पहले ही गुज़र गई थीं. फिर तक़दीर ने रिमझिम से उसका पिता भी छीन लिया. उसके पिता बिजली विभाग में सरकारी कर्मचारी थे. रिमझिम की समझ में नहीं आ रहा था कि पिता की बनाई खड़ाऊं वो सीएम तक कैसे पहुंचाये.


सबसे पहले उसने ग्राम प्रधान को अपने मन की बात बताई. लेकिन गांव के लोग उसका ये काम पूरा नहीं कर पाए. फिर किसी ने उसे इलाके के एमपी से मिलने को कहा. एक दिन रिमझिम मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर के पास खड़ाऊं लेकर चली गई. उनसे कहा कि मुझे योगी आदित्यनाथ से मिलना है. कौशल किशोर ने उसे सीएम से मिलाने का भरोसा दिया. इस बात के भी कई दिन गुज़र गए. किसी तरह से ये बात मुख्यमंत्री तक पहुंच गई. फिर तो रिमझिम के मन की मुराद पूरी हो गई. सीएम ने उसे 24 जनवरी को बुलाया है. राज्य के मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि लखनऊ के डीएम को रिमझिम को लेकर मुख्यमंत्री के सरकारी बंगले पर आने को कहा गया है.