लखनऊ: उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को नीति आयोग द्वारा विभागों के पुर्नगठन का प्रस्ताव रखा गया जिस पर चर्चा तो हुई लेकिन मंत्रिमंडल ने अभी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया कि इसे फिर से मंत्रिमंडल की बैठक में लाया जायेगा और विस्तार से विचार विमर्श होगा.
बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता सिध्दार्थनाथ सिंह ने कहा, 'विभागों के पुनर्गठन का प्रस्ताव रखा गया जिस पर चर्चा तो हुई लेकिन मंत्रिमंडल ने अभी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया. इसे फिर से मंत्रिमंडल की बैठक में लाया जायेगा और विस्तार से विचार विमर्श होगा.' उत्तर प्रदेश सरकार, शासन के करीब 100 विभागों को करीब 57 विभागों में समेटने की तैयारी कर रही है.
नीति आयोग की सिफारिशों के मद्देनजर अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है जो विभागों के पुर्नगठन के प्रस्ताव का अध्ययन करेगी और अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौपेंगी.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग स्वास्थ्य विभाग के तहत आयेंगे.
इसी तरह बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, खेलकूद एवं युवा कल्याण, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, सेवायोजन विभाग, शिक्षा विभाग के तहत आयेंगे.
कृषि (कृषि उत्पादन/भूमि संरक्षण), कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार (मंडी परिषद), कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान और समन्वय, उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण एवं रेशम विकास, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, सहकारिता, लघु सिंचाई, भूगर्भ जल, परती भूमि विकास, मत्स्य, दुग्ध विकास तथा पशुधन आदि विभाग, कृषि विभाग के अन्तर्गत आयेंगे.
इसी प्रकार भूतत्व एवं खनिकर्म, परिवहन, संस्थागत वित्त/बैंकिंग, बाह्य सहायतित परियोजना, स्टांप एवं पंजीकरण, कर एवं निबंधन/मनोरंजन कर एवं वाणिज्य कर, आबकारी आदि विभाग राजस्व विभाग के अन्तर्गत आयेंगे.
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