यूपी: स्वास्थ्य सेवाओं की खुली पोल, राज्य में एक हजार लोगों पर एक डॉक्टर भी नहीं
स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने आज विधानसभा में कहा, ‘‘डब्ल्यूएचओ के मानदंडों के लिहाज से इस समय प्रति 1000 लोगों पर एक डॉक्टर भी नहीं है.’’
लखनऊ: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रति हजार लोगों पर एक डॉक्टर के मानदंड को उत्तर प्रदेश पूरा नहीं करता है. प्रदेश में प्रति हजार लोगों पर बमुश्किल 0.63 सरकारी और प्राइवेट डॉक्टर हैं.
स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने आज विधानसभा में कहा, ‘‘डब्ल्यूएचओ के मानदंडों के लिहाज से इस समय प्रति 1000 लोगों पर एक डॉक्टर भी नहीं है.’’ सिंह ने 2017—18 के बजट पर चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इसके अलावा राज्य में प्रति एक हजार लोगों के लिए हॉस्पिटल में केवल 1.5 बेड है.
सिंह ने कहा कि डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए सरकार ने तत्काल उपाय किए हैं. डॉक्टरों के रिटायर होने की उम्र 60 साल से बढ़ाकर 62 साल की गई है, इससे लगभग 1000 डॉक्टर उपलब्ध होंगे.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 1000 दूसरे डॉक्टरों की तुरंत नियुक्ति के लिए वॉक इन इंटरव्यू कराने के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. सिंह ने बताया कि सरकार जल्द ही टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू करेगी.