लखनऊ: यूपी में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी अब नहीं चल पाएगी. योगी सरकार जल्द ही एक अध्यादेश लाएगी जिसके तहत बच्चों की फ़ीस अब सालाना 7 प्रतिशत से अधिक नहीं बढ़ेगी. यूपी कैबिनेट मंत्रियों की बैठक में ये फ़ैसला हुआ है. 20 हज़ार रूपये से अधिक सालाना फ़ीस लेने वाले स्कूलों पर ही ये क़ानून लागू होगा. चूंकि अभी विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा है इसलिए राज्यपाल से मंज़ूरी मिलने के बाद ये लागू हो जायेगा.


सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के स्कूलों में ये नया क़ानून लागू होगा. स्कूल वाले अब अपनी मर्ज़ी से फ़ीस नहीं बढ़ा पायेंगे. ऐसा देखा गया है कि कई स्कूल दो चार साल पर यूनिफ़ॉर्म बदल देते हैं. लेकिन अब 5 साल से पहले ऐसा करना ग़ैरक़ानूनी होगा. यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने बताया “किसी ख़ास दुकान से ड्रेस या किताबें ख़रीदने के लिए अभिभावकों को मजबूर नहीं किया जा सकता है, ऐसी जानकारी मिलने पर स्कूल के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई होगी.”


यूपी में कई स्कूल वाले बच्चों के घर वालों से तीन से लेकर पांच साल की फ़ीस एडवांस ले लेते हैं. लेकिन अब नए क़ानून के बाद ऐसा नहीं हो पाएगा. अब हर 3 महीने या फिर 6 महीने पर फ़ीस ली जाएगी. अभिभावकों से ट्रांसपोर्ट से लेकर एजुकेशन टूर के नाम पर मोटे पैसे वसूले जाते हैं. अब बिना रज़ामंदी के ऐसा करना ग़ैर क़ानूनी होगा. फ़ीस के बदले रसीद देना ज़रूरी होगा. किसी स्कूल के ख़िलाफ़ शिकायत सही पाए जाने पर पहली बार 1 लाख का जुर्माना लगेगा. ग़लती दुबारा पकड़ी गई तो जुर्माना 5 लाख हो जायेगा. तीसरी ग़लती पर तो स्कूल की मान्यता ही रद्द हो जाएगी।सीएम बनने के बाद ही योगी आदित्यनाथ ने फ़ीस कम करने का वादा किया था.