राजभर ने रविवार को कहा कि सुभासपा पिछले 22 महीने से सरकार में शामिल है. शिक्षा के सवाल पर, पिछड़ों में आरक्षण के बंटवारे के सवाल पर लगातार इस सरकार को जगाने का प्रयास कर रही है. उत्तर प्रदेश सरकार ने अति पिछड़ा सामाजिक न्याय कमेटी बनाई थी उस कमेटी ने अक्टूबर में रिपोर्ट दी थी कि आरक्षण को तीन श्रेणी-पिछड़ा,अति पिछड़ा,सर्वाधिक पिछड़ा में बांट दिया जाए. अक्टूबर माह में रिपोर्ट देने के बाद भी सरकार अब उसे लागू नहीं कर रही है.
उन्होंने गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने का स्वागत किया ,लेकिन पिछड़े दलितों में भी गरीब हैं उन्हें भी अलग आरक्षण की मांग की.
सुभासपा अध्यक्ष ने कहा कि यह उनकी नाराजगी नहीं है यह उनका अधिकार है और 24 फरवरी तक सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तो उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर अकेले दम पर चुनाव लड़ेंगे.
उन्होंने साफ किया कि उनकी मांग को अनसुना किया गया तो नुकसान भारतीय जनता पार्टी को उठाना पड़ेगा, पहले उनकी पार्टी पूर्वांचल के 32 सीटों पर प्रभावी थी लेकिन अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित पूरे प्रदेश की 80 सीटों पर पार्टी की हैसियत बढ़ी है, क्योंकि वह सरकार में रहते हुए जनता की समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ बिगुल बजाया है.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में प्रियंका गांधी के सक्रिय होने का कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा हां यह जरूर है कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जोश बढ़ा है.