लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि आरक्षण की व्यवस्था एक भ्रमजाल है. देश की जनता इसमें पिछले 70 सालों से फंसी है. जाति, गरीबी-अमीरी और मंदिर-मस्जिद ने नाम पर लोगों को लड़ाकर नेता अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं. राज्यमंत्री राजभर ने कहा, "मैं बीजेपी का नेता नहीं. हमारी अलग पार्टी है. पूर्वांचल में हमारी ताकत को देखते हुए बीजेपी ने हमें अपने साथ लिया. हम किसी की कृपा से नहीं, लड़ाई लड़कर मंत्री बने हैं. इसलिए सच बोलते हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री से जनता हितों के लिए मेरी वैचारिक लड़ाई है."


उन्होंने कहा कि जनता जब तक जागरूक नहीं होगी, तब तक ऐसे ही चलता रहेगा. नेता नहीं चाहता कि युवाओं को रोजगार मिले.


बेरोजगारों को रोजगार मिल गया तो उसका झंडा कौन पकड़ेगा. शिक्षा में समानता के बिना गरीब और अमीर की खाई पाटना संभव नहीं है. पहले प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे इंजीनियर, डॉक्टर बनते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होता. राजकीय प्राइमरी स्कूलों में 1.70 करोड़ बच्चे पढ़ते हैं, जिसमें किसी नेता या अधिकारी के बच्चे नहीं होते. सरकारी स्कूलों में काफी सुधार की जरूरत है. शिक्षकों के 3.68 लाख पद खाली हैं. मुख्यमंत्री से मांग की है कि संविदा पर शिक्षकों को रखें.


बता दें कि ओमप्रकाश राजभर ने सपा और बसपा के गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर कहा कि देश अब गठबंधन के दौर से गुजर रहा है और किसी दल में अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं है. सपा-बसपा का गठबंधन मजबूत गठबंधन है और यह मजबूती से चुनाव लड़ेगा.


उन्होंने एक अन्य सवाल पर कहा कि सुभासपा के सपा-बसपा महागठबंधन के साथ होने और चुनाव लड़ने की खबर में कोई सच्चाई नहीं है.