लखनऊ: मंत्री पद गंवाने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने अपने तीनों विधायकों के पार्टी छोड़े जाने की बात को फर्जी व अफवाह करार दिया है.


ओम प्रकाश राजभर ने ट्वीट कर कहा, "जिस तरह मीडिया में अफवाह फैलाई जा रही है, हमारे तीनों विधायक त्रिवेणी राम, कैलाशनाथ सोनकर व रामानंद बौद्घ चट्टान की तरह सुभासपा के साथ खड़े हैं. हम सब लोग संघर्षो के साथी हैं. बीजेपी कितना भी कोशिश कर ले, उसके मंसूबे कामयाब नहीं होंगे."


दरअसल, सियासी हलकों में राजभर की पार्टी के विधायकों के भी बगावत कर बीजेपी के पाले में जाने की चर्चा शुरू हो गई है. इन चर्चाओं को ओमप्रकाश का वह बयान भी बल दे रहा है जिसमें उन्होंने मंत्री पद से बर्खास्तगी के बाद कहा था कि जिसको जहां जाना है जाए, हम किसी को नहीं रोकेंगे.


कुशीनगर से रामकोला के विधायक रामानंद बौद्घ ने भी राजभर और पार्टी में आस्था व्यक्त करते हुए कहा, "दलितों, पिछड़ो, गरीबों के हक, अधिकार के लिए लड़ने वाले राजभर जी एक महान व्यक्ति हैं, जिसके नेतृत्व में मुझे काम करने का सौभाग्य मिला है. हम गुलामी पसंद नहीं करते. बीजेपी हम लोगों से गुलामी कराना चाहती है. हम सब सुभासपा के साथ पूरे दम-खम के साथ खड़े हैं. कभी नहीं छोडूंगा दल का साथ."


2002 में गठित सुभासपा का पहली बार 2017 के विधानसभा चुनाव में खाता खुला था. पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर खुद पहली बार विधायक चुने गए थे. 2017 में बीजेपी के साथ मिलकर विधानसभा की आठ सीटों पर चुनाव लड़ने वाली सुभासपा के चार विधायक चुने गए थे. इनमें ओमप्रकाश खुद गाजीपुर की जहूराबाद सीट से चुनाव जीते थे. त्रिवेणी राम भी इसी जिले की जखनिया और कैलाशनाथ सोनकर वाराणसी की अजगरा व रामानंद बौद्घ कुशीनगर की रामकोला सीट से विधायक चुने गए थे. इनमें राजभर को छोड़कर तीनों विधायक अनुसूचित जाति के हैं.


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