लखनऊ : सिंगापुर में रहने वाली कावेरी चतुर्वेदी पिछले कई दिन से परेशान थीं. नोएडा में उनका किराएदार फ्लैट को बंद कर चाबी लेकर कहीं चला गया था. नाते रिश्तेदारों के पास इतना वक्त नहीं कि उनकी मदद कर सकें, ऐसे में उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस के एनआरआई ट्विटर हैंडल पर अपनी समस्या रखी और कुछ ही दिन में न सिर्फ किराएदार का पता चल गया, उनके फ्लैट की चाबी भी मिल गई.
परदेस में बसे भारतीयों के लिए मददगार है एनआरआई ट्विटर हैंडल
परदेस में बसे भारतीयों को उत्तर प्रदेश सरकार ने एनआरआई ट्विटर हैंडल के तौर पर अपनी कोई भी समस्या या परेशानी बताने का एक जरिया दिया है. इसकी लोकप्रियता और उपयोगिता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शुरूआती 20 दिन में ही इसके 2 हजार से ज्यादा फालोअर्स हो गए हैं और डेढ़ सौ से ज्यादा लोग अपनी समस्याएं बता चुके हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस की कोशिश है कि इस हैंडल के जरिए विदेशों में बसे भारतीयों की समस्याओं को जल्द से जल्द दूर किया जाए.
राज्य पुलिस मुख्यालय के एक प्रवक्ता ने भाषा को बताया कि कावेरी ने एक जून, 2018 को ट्विटर हैंडल पर लिखा था कि उनका फ्लैट धन्या निकेतन, सेक्टर-42, नोएडा में है. किरायेदार ने मई का किराया नहीं दिया और चाभी लेकर अचानक गायब हो गया है. ब्रोकर से भी बात नहीं हो पा रही है. फ्लैट में घर की जरूरत का तमाम कीमती साजो सामान मौजूद है इसलिए आशंका है कि किरायेदार सामान चुराकर भाग सकता है.
उन्होंने बताया कि कावेरी की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने कुछ ही दिन में उनके लापता किरायेदार का पता लगाया और उनके फ्लैट की चाबी उन्हें वापस दिलाई.
इसी तरह कनाडा में रह रहे निखिल के पिता जे पी गुप्ता 15 मई को जालौन जिले की उरई कोतवाली में साइकिल चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे तो रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी. निखिल ने इसकी शिकायत 30 मई, 2018 को यूपी पुलिस मुख्यालय के एनआरआई ट्विटर हैंडल पर की.
उन्होंने बताया कि इस ट्वीट का संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक मुख्यालय ने जालौन जिले के ट्विटर हैंडल पर मामले में आवश्यक कार्यवाही करने के लिए कहा. इसके बाद जालौन पुलिस हरकत में आई और निखिल की समस्या का समाधान कराते हुए उनके पिता की साइकिल बरामद कर उनके हवाले कर दी गई.दोनों घटनाओं में कावेरी और निखिल ने अपनी समस्या के समाधान के लिए धन्यवाद दिया है.
परदेसियों के समस्याओं को हल करने के लिए यह हैंडल बनाया गया है
पुलिस उप महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने इस टि्वटर हैंडल के बारे में कहा कि प्रतिबद्ध तरीके से काम करते हुए कम समय में ही परिणाम देने का दबाव रहता है. दरअसल परदेस में रहने वाले लोगों के लिए छोटी छोटी समस्याएं भी बड़ी बन जाती हैं क्योंकि वह खुद हजारों किलोमीटर दूर हैं और समस्या के समाधान के लिए खुद मौजूद नहीं हैं. ऐसे में परदेसियों के समस्याओं को हल करने के इरादे से यह हैंडल बनाया गया है.
उन्होंने कहा, 'यूपी पुलिस का ट्विटर हैंडल एनआरआई के लिए निर्णायक भूमिका निभा रहा है. अगर किसी की शिकायत नहीं सुनी जा रही है तो वह फौरन ट्वीट कर देता है. इससे समस्या सीधे हमारे पास आती है और हम उस पर त्वरित कार्रवाई भी करते हैं. साथ ही जवाबदेही भी तय करते हैं. कहीं-कहीं पुलिस की भूमिका गलत दिखाई देती है तो हम एक्शन भी लेते हैं.'
कुमार ने कहा, 'यूपी पुलिस के ट्विटर हैंडल से यूपी की जनता और पुलिस की बीच की दूरियों को पाटा जा रहा है.' पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह का कहना है कि जो भी ट्विटर के जरिए पुलिस की मदद चाहते हैं, उनकी तुरंत मदद की गयी है.उन्होंने बताया कि एनआरआई ट्विटर सेवा के लिए अलग टीम काम कर रही है और उसकी निगरानी वह स्वयं कर रहे हैं.
22 मई को शुरू किया गया था ट्विटर हैंडल
एनआरआई के लिए ट्विटर हैंडल 22 मई को शुरू किया गया था. हैंडल पर शुरूआती 20 दिन में दो हजार से अधिक फालोवर्स हो गए जबकि अब तक डेढ सौ से अधिक ट्वीट हो चुके हैं.
ट्विटर हैंडल की शुरूआत के दिन डीजीपी ने कहा था कि प्रत्येक देश, जहां उत्तर प्रदेश के लोग अधिक संख्या में निवास करते हैं, वहां एक स्थानीय कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया जाएगा. अब विश्व के किसी भी देश में अप्रवासी भारतीय उत्तर प्रदेश पुलिस से संबंधित किसी भी समस्या के लिए ट्वीट का सकते हैं. डीजीपी ने कहा कि विदेश एवं देश में समय को ध्यान में रखते हुए ट्विटर सेवा 24 घंटे प्रभावी रहेगी.