गोरखपुर: गोरखनाथ मंदिर परिसर का यात्री निवास अचानक छावनी में तब्दील हो गया. पुलिस की रेस्क्यू टीम ने दो से तीन आतंकियों को पकड़ लिया और अधिकारियों के सामने पेश किया. चौंकिए नहीं, दरअसल गोरखनाथ मंदिर परिसर के यात्री निवास में पुलिस ने बुधवार की सुबह मॉक ड्रिल की है. जिसका उद्देश्य किसी भी आतंकी घटना को सफलतापूर्वक रेस्क्यू करना है.
दरअसल 15 जनवरी से मकर संक्रांति शुरू हो रही है. गोरखनाथ मंदिर परिसर में एक जनवरी से खिचड़ी मेला शुरू हो गया है जो एक महीने तक चलेगा. इस दौरान यहां पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है. इसी के मद्देनजर सुरक्षा को लेकर ये मॉक ड्रिल की गई है.
इसे "आपरेशन शौर्य" का नाम दिया गया है. सुबह 7:30 बजे गोरखपुर के एसएसपी डॉ सुनील गुप्ता के नेतृत्व में मॉक ड्रिल की कमान सीओ गोरखनाथ/सीओ क्राइम प्रवीण सिंह ने संभाली. उनके साथ क्राइम ब्रांच और कई थानों की पुलिस ने गोरखनाथ मंदिर परिसर स्थित यात्री निवास को चारों तरफ से घेर लिया.
पुलिस की इस कार्रवाई से वहां लोग सकते में आ गए. सब कुछ देख कर ऐसा लग रहा था जैसे यात्री निवास में कोई बड़ा आतंकी यात्री निवास में छुपा है. सीओ प्रवीण सिंह के नेतृत्व में दो टीमें यात्री निवास के अंदर प्रवेश कर गई. पुलिस की तत्परता को देखकर ऐसा लगा जैसे टीम किसी बड़ी आतंकी वारदात को नाकाम करने में जुटी है.
अंदर गई टीम ने एक कमरे का दरवाजा खोला और वहां मौजूद आतंकवादी का रोल अदा कर रहे दो पुलिसकर्मियों को पकड़कर यात्री निवास के बाहर ले आई. इसके बाद पुलिस के आला अधिकारी उनसे पूछताछ करते हैं. मॉक ड्रिल यहीं पर खत्म हो जाती है.
इस संबंध में सीओ गोरखनाथ प्रवीण सिंह ने बताया कि लखनऊ सहित यूपी के कई जिलों में इस तरह की मॉडल आतंकवादी घटनाओं की रोकथाम और रेस्क्यू को सफल बनाने के लिए की जा रही है. इसी के उपलक्ष्य में गोरखनाथ मंदिर के यात्री निवास पर भी मॉक ड्रिल की गई है.
इसमें यह प्रयास किया गया है कि अगर इस तरह की कोई घटना है और आतंकवादियों के कहीं छुपे होने की जानकारी मिलती है, तो सफलतापूर्वक रेस्क्यू कैसे किया जाए. हमारे पुलिसकर्मियों ने इस रेस्क्यू में जिस तरह से तत्परता दिखाई है. हमारी टीम इस तरह की किसी भी घटना से निपटने के लिए सक्षम है.