सहारनपुर: भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण को जेल से रिहा कर दिया गया है. चंद्रशेखर की रिहाई को लेकर पुलिस सतर्क हो गई है. डीजीपी मुख्यालय ने सभी जिलों के कप्तान को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. खासतौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चंद्रशेखर रावण की रिहाई के बाद विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं.


पुलिस ने चंद्रशेखर रावण की रिहाई के बाद होने वाले संगठनों के प्रदर्शन को लेकर भी चौकसी बढ़ा दी है. वहीं दिल्ली से सटे इलाकों में विशेष चौकसी बरती जा रही है. बता दें कि चंद्रशेखर रावण की रिहाई के वक्त जेल के बाहर उनके समर्थक भारी संख्या में मौजूद थे. रिहा होते ही रावण ने कहा कि उनका टारगेट बीजेपी को हराना है.


भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण जेल से रिहा, कहा- बीजेपी को हराना ही लक्ष्य


माना जा रहा है कि अनुसूचित जाति-जनजाति की नाराजगी खत्म करने के लिए बीजेपी सरकार ने ये फैसला किया है. हालांकि रिहा होते ही रावण ने बीजेपी पर निशाना साधा है. देखना ये होगा कि बीजेपी का ये दांव कहीं उल्टा तो नहीं पड़ जाएगा.


जेल से बाहर आते ही चंद्रशेखर ने कहा था कि बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकना ही उनका लक्ष्य होगा. उन्होंने साफ कहा कि भाम आर्मी का समर्थन महागठबंधन को होगा और बीजेपी को हराने के लिए काम किया जाएगा. उन्होंने दावा किया कि उनका एक भी व्यक्ति बीजेपी को वोट नहीं करेगा.


यूपी की योगी सरकार ने एनएसए कानून के तहत जेल में बंद चंद्रशेखर को समय से पहले ही छोड़ने का फैसला किया था. उन्हें पिछले साल यूपी के सहारनपुर में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया था.


जानिए जेल से रिहा होने के तुरंत बाद क्या कहा भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण ने


माना जाता है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में भीम आर्मी ने काफी पैठ बना ली है. बीजेपी को लोकसभा के उपचुनावों में नुकसान पहुंचाने में भी भीम आर्मी की बड़ी भूमिका मानी जाती है. हालांकि बीएसपी से जुड़े लोग भीम आर्मी पर बोलने से बचते नजर आते हैं.


रिहा होने पर जब चंद्रशेखर से मायावती को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि बहन जी मेरी बुआ हैं. उनके कोई विरोध नहीं है और उन्होंने समाज के लिए बहुत काम किया है.