लखनऊ: रेस्टोरेंट मालिक से चिकन और पिज्जा मंगाने वाली दारोगा सावित्री को निलंबित कर दिया गया है. छुट्टी पर जाने से पहले लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार ने ये फैसला किया. दारोगा सावित्री शहर के हसनगंज पुलिस थाने में तैनात थीं. रिफ्यूल कैफे के मालिक रोहित बेरी धोखाधड़ी के एक मामले में मुकदमा कराने थाने गए थे. वहां पुलिसवालों ने उनसे खाना मंगाने की शर्त रख दी.


आरोप है कि दारोगा सावित्री ने एफआईआर की कॉपी देने से पहले चिकन और पिज्जा मंगाने को कहा. जब ये शिकायत एसएसपी दीपक कुमार तक पहुँची तो उन्होंने डीएसपी रैंक के अफसर से जांच कराने का आदेश दे दिया. जांच के बाद महिला दारोगा सावित्री सस्पेंड कर दी गयीं. लेकिन वे कहती हैं,"सारे आरोप झूठे हैं. रोहित झूठा मुकदमा लिखवाना चाहता था."


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अब हम आपको पुलिस वाले और चिकन पिज्जा की पूरी कहानी बताते हैं. रोहित बेरी एक रेस्टोरेंट के मालिक हैं. आईपीएस अफ़सर का बेटा बन कर किसी ने उनके साथ धोखाधड़ी कर दी. पुलिस वाले रोहित का मुक़दमा नहीं लिख रहे थे तो वे इलाक़े के एएसपी के पास पहुँचे. उन्होंने तुरंत हसनगंज थाने में फ़ोन कर केस दर्ज करने को कहा.


रोहित बेरी फिर हसनगंज थाने पहुँचे. अपनी आपबीती बताई. वहां मौजूद दारोग़ा राघवेंद्र कुमार ने केस लिख लिया और खाने के ऑर्डर की एक लंबी लिस्ट पकड़ा दी. दो प्लेट बार्बिक्यू चिकन, दो मंचूरियन, दो चिकन पिज़्ज़ा, दो आलू लहसुन पराँठा, एक पनीर पराँठा, दो प्लेट नूडल्स, दो प्लेट फ़्रेंच फ़्राई. दारोग़ा ने कहा," शाम में जब एफ़आइआर की कॉपी लेने आना तो खाने का ऑर्डर भी साथ लाना."


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रोहित का निरालानगर में रिफ़्यूल के नाम से एक कैफ़े है. शिवेंद्र नाम के एक व्यक्ति ने आईपीएस के बेटे के बर्थ डे पार्टी के लिए ऑर्डर कराया. कैफ़े वाले ने 15 हज़ार का बजट बताया. जब पूरा पेमेंट माँगा तो शिवेंद्र ने पुलिस लाइन चलने को कहा. जब कैफ़े का कर्मचारी विपिन साथ गया तो शिवेंद्र ने बताया आईपीएस अधिकारी मीटिंग में हैं.


साथ ही यह भी कहा कि पेमेंट देने के लिए कुछ छोटे नोट चाहिए. विपिन उसकी बातों में आ गया और शिवेंद्र को 7 हज़ार रूपये दे दिए. और फिर ग़ायब हो गया. इसी धोखाधड़ी की शिकायत लेकर रोहित पुलिस थाने गए थे. रात में जब कैफ़े से खाने का ऑर्डर पहुँचा तो इंस्पेक्टर हरि प्रसाद अहिरवार ने उसे लौटा दिया.