लखनऊ: आम तौर पर लोगों के बीच यूपी के पुलिसवालों की छवि अच्छी नहीं मानी जाती है. लोग मजबूरी में ही पुलिस की मदद लेते हैं. लेकिन इलाहाबाद के एक सिपाही आशीष मिश्र ने तो कमाल कर दिया है. उन्होंने ‘पुलिस मित्र’ नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बना कर कई लोगों की ज़िंदगी बचा ली. इस ग्रुप से कई आईपीएस, पीपीएस और पुलिसवाले जुड़े हुए हैं. राज्य भर में किसी को, कहीं भी ब्लड की ज़रूरत पड़ती है. उस इलाक़े के पुलिस वाले तुरंत वहां रक्त दान के लिए पहुंच जाते हैं. दो साल पहले ये मुहिम शुरू हुई थी. जो अब राज्य भर में फैल चुकी है.



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पुलिस मित्र कैसे शुरू हुआ ? ये कहानी भी दिलचस्प है. आशीष मिश्र के एक सिपाही दोस्त अभिषेक पांडे के बेटे की तबियत ख़राब हो गई. उसे ख़ून की ज़रूरत थी.लेकिन वक़्त पर ख़ून नहीं मिला. आख़िर में उसकी मौत हो गई. उन दिनों आशीष जौनपुर में तैनात थे. वे भी अपने साथी के बेटे की मदद नहीं कर पाए. इसके बाद ही उन्होंने ‘पुलिस मित्र’ नाम से सोशल मीडिया पर एक ग्रुप बनाया.



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व्हाट्सएप , फ़ेसबुक और ट्वीटर पर इस ग्रूप से लोगों को ज़रूरत पड़ने पर ख़ून मिलने लगा है. कई सरकारी अस्पतालों में भी पुलिस मित्र का नंबर दिया हुआ है. फ़ोन करने पर ब्लड डोनेट करने वाले वहॉ पहुंच जाते हैं. पुलिस का ये कदम बहुत सराहनीय है. अपने नाम की तरह ग्रुप से जुड़ा हर आदमी काम भी करता है.