लखनऊ:बेहतर कानून व्यवस्था के नाम पर यूपी पुलिस अब एक और प्रयोग करने जा रही है. पुलिस अब डिजिटल वालंटियर के सहारे सोशल मीडिया सहित सब पर नजर रखेगी. इसके तहत कुल 1469 थाने जोड़े जाएंगे. पुलिस खास तौर से सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफ़वाहों और उससे बिगड़ती क़ानून व्यवस्था ख़ासकर मॉब लिंचिंग से निपटने के लिए डिजिटल वालंटियर्स बनाएगी.
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यूपी के सभी 1469 थानों में व्हाट्स ग्रूप के ज़रिए 250 जागरूक नागरिक जोड़े जाएंगे जो स्थानीय अफ़वाहों की जानकारी पुलिस को देगें और उसका वेरिफ़िकेशन होने पर इलाके के लोगों को देंगें. पिछले दिनों देश में सोशल मीडिया पर अफ़वाह के बाद मॉब लिंचिंग की कई घटनाएं हुई थीं, जिसके बाद कई निर्दोषों की पीट-पीट कर भीड़ ने हत्या कर दी थी.
यूपी के डीजीपी ओमप्रकाश सिंह के मुताबिक़ यूपी पुलिस की वेबसाइट पर इसका फ़ार्म है कोई भी जागरूक नागरिक अपनी जानकारी देकर भर सकता है, इस तरह से हर थाने में 250 वालंटियर्स बनाए जाएंगे. ओ पी सिंह के मुताबिक़ प्रयास है कि हर गांव, क़स्बा, वार्ड या मोहल्ले में दो वालंटियर्स ज़रूर हों. इस तरह से पूरे उत्तर प्रदेश में लगाम लगाने के लिए 3.5 लाख डिजिटल वालंटियर्स बनाए जाएंगें.
बता दें कि इसके पहले यूपी पुलेस ने एनआरआईज के लिए ट्विटर हैंडल की शुरुआत की थी. ट्विटर हैंडल को 22 मई को शुरू किया गया था. हैंडल पर शुरूआती 20 दिन में दो हजार से अधिक फालोवर्स हो गए थे. ट्विटर हैंडल की शुरूआत के दिन डीजीपी ने कहा था कि प्रत्येक देश, जहां उत्तर प्रदेश के लोग अधिक संख्या में निवास करते हैं, वहां एक स्थानीय कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया जाएगा. अब विश्व के किसी भी देश में अप्रवासी भारतीय उत्तर प्रदेश पुलिस से संबंधित किसी भी समस्या के लिए ट्वीट का सकते हैं. डीजीपी ने कहा कि विदेश एवं देश में समय को ध्यान में रखते हुए ट्विटर सेवा 24 घंटे प्रभावी रहेगी.
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इसके पहले यूपी पुलिस ने एक और प्रयोग किया था जिसके तहत थानेदारों के साथ-साथ तीन एडिशनल थानेदार भी तैनात किए जाने की योजना बनाई गई थी. शुरुआत में इसे बड़े पुलिस थानों में ही लागू किए जाने की बात सामने आई थी. हालांकि ये योजना ज्यादा कारगर साबित नहीं हो पाई.