गोरखपुर: यूपी में बदमाश पास होते दिख रहे हैं वहीं पुलिसवाले फेल. सीएम सिटी के दो थानों में आईजी ने दौरा किया. इस दौरान थाने पर तैनात दारोगा और सिपाहियों के इंसास राइफल खोलने और बन्द करने में पसीने छूट गए. गोरखपुर परिक्षेत्र के आईजी जयनारायण सिंह शुक्रवार को शहरी क्षेत्र के राजघाट और ग्रामीण इलाके के चिलुआताल थाने का निरीक्षण करने निकले. आईजी ने सिपाहियों और अधिकारियों से हथियारों को जब हैंडल करने का टेस्ट लिया, तो पहले तो सभी एक-दूसरे का मुंह देखने लगे. कुछ पुलिसवालों ने हिम्मत करके हथियारों को जब खोलने और बंद करने की कोशिश की, तो वे आईजी के इस टेस्ट में फेल हो गए.


आईजी जय नारायण सिंह के स्वागत में थाने को पूरी तरह से सजाया गया. सिपाही से लेकर थानेदार तक सभी वर्दी में मुस्तैद नज़र आए. आईजी ने पुलिसवालों के बैरक, कार्यालय, आवास और मेस का निरीक्षण किया. अधिकतर जगहों पर बदहाली की तस्वीर नज़र आई. इसी बीच आईजी ने थाने में प्रदर्शन के लिए रखे हथियारों को जब देखा, तो उन्होंने थाने में तैनात पुलिसवालों से इन हथियारों के रखरखाव के बारे में पूछा.



सिपाहियों के नाकाम होने के बाद थाने पर तैनात दरोगा ने भी अपनी काबिलियत आईजी के सामने दिखाने की कोशिश की. लेकिन, वो भी तमाम प्रयासों के बाद इन हथियारों को न तो खोल पाए और न ही बंद कर पाए. पुलिसवालों को इन हथियारों से जूझता देख आईजी ने भी इनको फटकार लगाई. उन्होंने एसएसपी गोरखपुर को इन पुलिसवालों को ट्रेनिंग देने के निर्देश दिया.



गोरखपुर के अधिकतर थानों में इस समय पुलिस वाले जिन हथियारों का प्रयोग करते हैं. उसमें एसएलआर, 303 मार्क वन, 303 मार्क 4, इंसास राइफल, 12 बोल्ट एक्सन गन और टियर गैस गन है. अधिकारियों का मानना है कि कई दूसरी व्यवस्थाओं की वजह से पुलिसवालों को हथियारों की ट्रेनिंग लिए हुए महीनों हो जाते हैं. जिसकी, वजह से वह इसके बारे में भूलने लगते हैं.



इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि थानों पर अधिकतर हथियार काफी पुराने हो चुके हैं. जिनका प्रयोग अब लगभग बंद हो चुका है. पुलिसवाले सबसे ज्यादा संख्या में उन्हीं हथियारों का प्रयोग करते हैं. ये बात साफ है कि जिन हथियारों से पुलिसवालों को बदमाशों का सामना करना है, उसे वे खोल तक नहीं पा रहे हैं.