लखनऊ : यूपी में बीजेपी के जीत के बाद छोटे दायरे में सिमट चुके राजनीतिक दल अपनी साख बचाने के लिए राजनीति की नई ईबारत लिखने की तैयारी में हैं. अंबेडकर जयंती के अवसर पर बसपा सुप्रिमो मायावती ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि वह लोकतंत्र बचाने के लिए अब किसी से भी हाथ मिला सकती हैं. हाल ही में हुए विधान सभा चुनाव में मायावती को करारी हार का सामना करना पड़ा है.


राजनीतिक गलियारे में इस बयान को लेकर चर्चा गरम हो गई


राजनीतिक गलियारे में इस बयान को लेकर चर्चा गरम हो गई है. कहा जा रहा है कि पहले से ही पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मायावती के प्रति नरम रवैया अपनाया है. ऐसे में सामने आया यह बयान इस बात का संकेत है कि मायावती अपने धुर विरोधी समाजवादी पार्टी से भी हाथ मिला सकती हैं. इससे पहले भी बीजेपी विरोधी दल बिहार जैसे समीकरण की बात कर रहे थे, जिसमें दशकों तक एक-दूसरे के विरोधी रहे लालू यादव और नीतीश कुमार का गठबंधन शामिल है.



उन्हें परेशान करने के लिए सरकारी मशीनरी का उपयोग करेगी


मायावती ने यह कहा कि बीजेपी उन्हें परेशान करने के लिए सरकारी मशीनरी का उपयोग करेगी, लेकिन वे भी सामना करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए किसी भी दल के साथ मिलकर लड़ाई लड़ने को तैयार हैं. गौरतलब है कि यूपी में अभी उपचुनाव होने हैं जिसमें सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद को विधायक के लिए चुनाव लड़ना है क्योंकि वे वर्तमान में लोकसभा के सदस्य हैं.


ऐलान के साथ ही मायावती ने ईवीएम में गड़बड़ी की बात भी दोहराई


बड़े ऐलान के साथ ही मायावती ने ईवीएम में गड़बड़ी की बात भी दोहराई है. उन्होंने कहा कि ईवीएम को लेकर जबतक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं होती है वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगी. साथ ही पूरे प्रदेश में उन्होंने बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में ईवीएम में हुई गड़बड़ी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. गौरतलब है कि सबसे पहले मायावती ने ही ईवीएम में गड़बड़ी की आलोचना की थी जिसका अन्य राजनीतिक दलों ने समर्थन किया था.