लखनऊ: यूपी का सियासी दंगल शुरु चुका है. सियासत के इस अखाड़े में शनिवार को पहले चरण का मतदान संपन्न हो गया जबकि 15 फरवरी को दूसरे चरण का मतदान होना है. दूसरे चरण में 719 राजनीतिक धुरंधर सियासत के अखाड़े में अपने-अपने दांव चल चुके हैं, जिनके भाग्य बुधवार को ईवीएम मशीन में कैद हो जाएंगे. आपको बता दें कि इसमें से 250 से अधिक उम्मीदवार करोड़पति हैं तो 100 से अधिक कैंडिडेट्स पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.



719 प्रत्याशियों की ओर से दाखिल हलफनामे का विश्लेषण


यूपी के सियासी दंगल के दूसरे चरण के लिए अखाड़े में उतरे धुरंधरों की तरफ से दाखिल एफिडेविट का उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने विश्लेषण किया. इसमें 6 राष्ट्रीय पार्टियों, 6 राज्य स्तर की पार्टियों, 80 गैर मान्यता प्राप्त दलों सहित कुल 92 राजनीतिक दलों और 206 निर्दलिय कैंडिडेट्स समेत 721 उम्मीदवारों में से 719 प्रत्याशियों की ओर से दाखिल हलफनामे का विश्लेषण किया गया है.


15% कैंडिडेट्स के खिलाफ दर्ज हैं आपराधिक मामले


एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है, ''विश्लेषण किये गए कुल 719 उम्मीदवारों में से 107 प्रत्याशी यानी 15% कैंडिडेट्स ने माना कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.''


रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 84 उम्मीदवारों ने हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध सहित गंभीर आपराधिक मामले घोषित किये है. जबकि 6 कैंडिडेट्स ने खुद पर मर्डर जैसे केस और 15 प्रत्याशियों ने हत्या के प्रयास जैसे मामले घोषित किए हैं.


7 उम्मीदवारों के खिलाफ अपहरण और फिरौती के मामले


रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 5 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके खिलाफ महिला के खिलाफ मामले जैसे दहेज के लिए हत्या, महिला के साथ शोषण जैसे मामले हैं. तो वहीं 7 उम्मीदवारों ने इस बात की जानकारी दी है कि उनके खिलाफ अपहरण, फिरौती के मामले दर्ज हैं.


206 निर्दलिय उम्मीदवारों में से 13 आपराधिक छवि वाले प्रत्याशी


पार्टी के हिसाब से देखें तो दागी उम्मीदवारों को टिकट देने में कोई भी पार्टी पीछे नहीं है. दूसरे चरण में जहां बीजेपी ने 16, बीएसपी ने 25, एसपी ने 21, कांग्रेस ने 6 और आरएलडी ने 6 दागी उम्मीदवारों को टिकट दिया है. तो वहीं 206 निर्दलिय उम्मीदवारों में से 13 आपराधिक छवि वाले प्रत्याशी हैं.