लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत गुरुवार को मतदान होगा. इस चरण में एक तरफ जहां कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर होगी, वहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के उम्मीदवार कई सीटों पर आमने-सामने होंगे. जबकि दोनों दलों में यूपी विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन हुआ है. प्रदेश में तीसरे चरण के चुनाव में दोनों दलों के दो दर्जन से अधिक प्रत्याशियों ने एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोंकी थी. अब 23 फरवरी को होने वाले चौथे चरण के चुनाव में भी इन दोनों पार्टियों के प्रत्याशी कई सीटों पर आमने-सामने होंगे.


गठबंधन के तहत एसपी को 298 तथा कांग्रेस को 105 सीटें मिली थीं. इसके बाद भी कई सीटों पर दोनों पार्टियों के प्रत्याशी आमने-सामने हैं. ऐसा इसलिए है, क्योंकि कई सीटों पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रत्याशी चयन को लेकर सहमत नहीं हो सके हैं.


इसके परिणाम स्वरूप चौथे चरण के तहत फ तेहपुर जिले की बिंदकी सीट पर कांग्रेस के अभिमन्यु सिंह एक तरफ जीत की कोशिश कर रहे हैं, वहीं उनके सामने एसपी के रामेश्वर दयाल चुनाव मैदान में हैं. कांग्रेस ने अभिमन्यु सिंह का टिकट वापस ले लिया है, लेकिन उनका नाम ईवीएम पर रहेगा. लिहाजा गठबंधन समर्थक वोटरों को तय करना मुश्किल होगा कि किसे वोट दें.


रायबरेली की सरेनी सीट से एक तरफ एसपी से देवेंद्र प्रताप सिंह चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने यहां से अशोक कुमार सिंह को टिकट दिया है. रायबरेली के ऊंचाहार में मंत्री रहे मनोज कुमार पांडेय मैदान में हैं, वहीं उनके सामने कांग्रेस से अजय पाल सिंह ताल ठोक रहे हैं.


बुंदेलखंड में ललितपुर की महरौनी सीट से कांग्रेस ने बृजलाल खाबरी को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि यहां से एसपी के रमेश खटिक भी मैदान में हैं. चित्रकूट जिले के मानिकपुर से कांग्रेस ने गुलाबी गैंग की कर्ताधर्ता संपत पाल को टिकट दिया है, यहां से समाजवादी पार्टी से दिनेश मिश्रा भी मैदान में डटे हुए हैं.


चौथे चरण के तहत गुरुवार को 12 जिलों की 53 सीटों के लिए मतदान होने हैं.