यूपी चुनाव: अखिलेश यादव ने मंच से की गायत्री प्रजापति की तारीफ, विरोधी दलों ने साधा निशाने
सुल्तानपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज समाजवादी पार्टी के चुनाव प्रचार की शुरूआत कर दी. मंच पर विवादास्पद नेता गायत्री प्रजापति की मौजूदगी ने विरोधी दलों को बोलने का मौका दे दिया और बीजेपी ने तो दागी मंत्री को एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का ‘ब्रांड एंबेसडर’ तक कह डाला.
अखिलेश यादव ने की गायत्री प्रजापति की तारीफ
अखिलेश ने गायत्री के साथ मंच ही साझा नहीं किया बल्कि एक कदम आगे बढते हुए उनकी तारीफ की. अखिलेश ने रैली में कहा कि गायत्री केवल अपनी सीट नहीं जीतेंगे बल्कि आस-पास के क्षेत्रों के एसपी उम्मीदवारों की जीत भी सुनिश्चित करेंगे.
विधानसभा चुनाव के लिए एसपी और कांग्रेस के बीच गठजोड़ हुआ है. एसपी ने अमेठी विधानसभा सीट से गायत्री को मैदान में उतारा है. अखिलेश ने गायत्री को खनन मंत्री के पद से हटा दिया था क्योंकि उन पर कथित तौर पर खनन घोटाले का आरोप था.
अखिलेश के ब्रांड एंबेसडर हैं गायत्री प्रजापति
इस बीच अखिलेश पर तंज कसते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि गायत्री के साथ मंच साझा कर और उनकी तारीफ कर मुख्यमंत्री ने साबित कर दिया है कि गायत्री उनके ब्रांड एंबेसडर हैं और भ्रष्टाचार उनकी (अखिलेश) प्राथमिकता है.
चुनावी रैली में अखिलेश ने केन्द्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि श्रेय लेने के लिए केन्द्र अपने आम बजट में उत्तर प्रदेश सरकार की कुछ महात्वाकांक्षी योजनाओं और एसपी के चुनावी घोषणापत्र में किये गये कुछ वायदों को शामिल कर सकता है.
अच्छे दिन की बजाय जनता को मिला ‘झाडू’
एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘अच्छे दिन’ के वायदे पर चुटकी लेते हुए कहा कि अच्छे दिन की बजाय जनता को ‘झाडू’ मिला या फिर उससे योग करने को कहा गया.
अखिलेश यादव ने कहा कि एसपी के चुनावी घोषणापत्र में महिलाओं और युवाओं के लिए कई महात्वाकांक्षी योजनाएं हैं. ‘‘मुझे लगता है कि आम बजट में इनमें से कुछ को शामिल किया जाएगा ताकि बीजेपी को श्रेय मिल सके.’’ नोटबंदी को लेकर बीजेपी पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि इस फैसले से गांव की जनता को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
केवल जनता की भलाई के लिए
अखिलेश ने कहा कि अब कांग्रेस के साथ गठजोड़ हो गया है. उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में गठजोड़ के बाद अब हम 300 से अधिक सीटें जीतेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कई उतार चढाव देखे लेकिन जो भी फैसला उन्होंने किया, वह केवल जनता की भलाई के लिए है.
एसपी के चुनावी घोषणापत्र में किये गये वादों को दोहराते हुए उन्होंने 2012 के घोषणापत्र में किये गये सभी वादों को पूरा करने का दावा किया. उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि वह ‘विकास’ में भरोसा रखते हैं जबकि अन्य लोग ‘गंदी राजनीति’ करने में.
भ्रष्टाचारियों को बचाना अखिलेश का संकल्प
उधर गायत्री के साथ मंच साझा करने को लेकर बीजेपी अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘‘अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार उनकी प्राथमिकता है और भ्रष्टाचारियों को बचाना उनका संकल्प है. एक लाख करोड़ रूपये के खनन घोटाले के आरोपी गायत्री को मंच पर साथ बैठाना यह साबित करता है.’’
उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार का एजेंडा भ्रष्टाचार और अपराध है. अखिलेश ने अपराध, ध्वस्त कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार से जनता का ध्यान हटाने के लिए अपने ‘पारिवारिक ड्रामे’ की शुरूआत खनन घोटाले के आरोपी गायत्री को मंत्रिपरिषद से हटाने के साथ की थी.
चेहरा चमकाने की कावायद में लगे अखिलेश
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘‘फिर सिरफुटव्वल और मानमनुव्वल के बीच अखिलेश गायत्री को मंत्रिपरिषद में वापस भी ले आये. समझ ही नहीं आया कि गायत्री को हटाया क्यों और वापस लाये क्यों? चेहरा चमकाने की कावायद में लगे अखिलेश ने बहुत मशक्कत की लेकिन अपनी परंपरा के अनुसार भ्रष्टाचार के चेहरे गायत्री को साथ रखकर अपना एजेण्डा जनता के सामने रख दिया.’’
मौर्य ने कहा कि आज सैफई कुनवे की पटकथा भी जनता के सामने आ गयी है कि यह पूरी नूराकुश्ती जनता का ध्यान भटकाने के लिए थी. एसपी का मुख्य एजेंडा कल भी लूट और अपराध का था आज भी वही है. जनता ने भी 2017 के लिए एसपी-बीएसपी से मुक्त उत्तर प्रदेश का एजेंडा तैयार कर लिया है. उन्होंने अखिलेश पर प्रहार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार और अपराध को संरक्षण दे रहे हैं.
भ्रष्टाचार और अपराध समर्थक चेहरे को लाया जनता के सामने
मौर्य ने कहा, ‘‘प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल राम नाईक की रिपोर्ट से प्रमाणित होता है कि अखिलेश यादव भ्रष्टाचार में संलिप्त ही नहीं रहे बल्कि भ्रष्टाचारियों को संरक्षण भी प्रदान करते रहे. राज्यपाल की रिपोर्ट से पता चलता है कि लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार पर भेजे गये 53 प्रत्यावेदनों पर राज्य सरकार ने केवल दो प्रत्यावेदनों पर स्पष्टीकरण दिया है, उक्त रिपोर्ट ने अखिलेश यादव के भ्रष्टाचार और अपराध समर्थक चेहरे को जनता के सामने ला दिया है.’’
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता पहले भी यादव सिंह प्रकरण, लोकसेवा आयोग समेत विभिन्न आयोगों के अध्यक्षों के भ्रष्टाचार के प्रकरण, बीएसपी शासनकाल के 22 मंत्रियों पर लोकायुक्त जांच के बाद भी उन पर कार्यवाही न करना, चेकडैम घोटाले पर कोई कार्यवाही न करना एवं गायत्री प्रजापति को खनन में भ्रष्टाचार पर बचाने समेत विभिन्न मुद्दों पर अखिलेश यादव का भ्रष्टाचारी चेहरा देख चुकी है.
राज्यपाल ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि पूर्व की मायावती सरकार के खिलाफ लोकायुक्त की शिकायतों पर एसपी सरकार की निष्क्रियता से ऐसा लगता है कि वह भ्रष्टाचार पर नरमी बरत रही है.