अंबेडकरनगर: बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के विवादास्पद बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आज कहा कि शाह से बड़ा ‘कसाब’ नहीं हो सकता. अमित शाह ने कल ही ‘कसाब’ शब्द का इस्तेमाल अपने भाषण में करते हुए कहा था कि ‘क’ से कांग्रेस, ‘स’ से एसपी और ‘ब’ से बीएसपी. इसके जवाब में मायावती ने शाह की तुलना कसाब से कर दी.


अमित शाह से बडा ‘कसाब’ नहीं हो सकता: मायावती


मायावती ने कहा, ‘‘आज अपने देश में अमित शाह से बड़ा कोई भी कसाब नहीं हो सकता है अर्थात आतंकी नहीं हो सकता है.’’ मायावती ने कहा कि अमित शाह ने कल ‘कसाब’ वाली बात कहकर साबित कर दिया है कि बीजेपी नेता की सोच कितनी घटिया है.


दरअसल अजमल कसाब मुंबई आतंकवादी हमले का दोषी था, जिसे बाद में भारत में ही फांसी दे दी गयी थी. मुंबई आतंकी हमले में शामिल पाकिस्तानी नागरिक कसाब के सभी साथी मार दिये गये थे लेकिन अकेला कसाब ही जिन्दा बचा था.


'बीजेपी से नाराज है यूपी की 22 करोड़ जनता'


मायावती ने आज ही बहराइच की चुनावी सभा में कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में एसपी के लगभग पांच साल और केन्द्र में बीजेपी के पौने तीन साल के कार्यकाल के दौरान दोनों ही सरकारों की गलत नीतियों और कार्यकलापों के कारण प्रदेश की 22 करोड़ जनता नाराज और आक्रोशित है.’’


उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने किसी भी चेहरे को प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने की अभी तक हिम्मत नहीं जुटा पायी है. एसपी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा अपनी सरकार में शुरू से ही कानून व्यवस्था व अपराध नियंत्रण के मामले में जबर्दस्त दागी चेहरा रहा है.


'एसपी को माना जाता है अराजक, आपराधिक और जंगलराज का खास प्रतीक'


मायावती ने कहा कि जिस एसपी को अराजक, आपराधिक, सांप्रदायिक, भ्रष्टाचारी और जंगलराज आदि का खास प्रतीक माना जाता है, उसके साथ कांग्रेस भी गठबंधन में चुनाव लड़ रही है...ऐसी स्थिति में अब यहां प्रदेश की आम जनता को तय करना है कि क्या वह एसपी कांग्रेस गठबंधन के दागी चेहरे को वोट देंगे या इसके स्थान पर इन सभी तत्वों का सफाया कर हर स्तर पर कानून का राज करने वाली बीएसपी के ‘बेदागी’ चेहरे को अपना वोट देंगे.


उन्होंने कहा कि एसपी सरकार में हत्या, अपहरण, महिलाओं पर अत्याचार और उत्पीडन, गुंडाराज, जमीन पर कब्जे, सांप्रदायिकता, दंगे, तनाव आदि की घटनाएं चरम पर हैं. इस सरकार के चलते प्रदेश में घोर असुरक्षा और आतंक का माहौल हावी है. विकास के कार्य भी आधे अधूरे किये जाते रहे हैं.


BSP सरकार में ही कर दी गयी थी अधिकांश बड़े-बड़े कार्यों की शुरूआत


मायावती ने कहा कि एसपी सरकार ने प्रदेश की जनता का सरकारी करोडों अरबों रूपये अकेले मीडिया में काफी बेदर्दी से खर्च कर दिया है जबकि इसी धन को गरीबों के हित व कल्याण के कार्यों पर भी खर्च किया जा सकता था. विकास और जनहित के जो भी थोडे कार्य हुए उनमें से अधिकांश बड़े-बड़े कार्यों की शुरूआत बीएसपी सरकार में ही कर दी गयी थी. ‘‘नाम बदलकर चला रहे हैं हमारी योजनाएं. समाजवादी पेंशन योजना का पहले का मूल नाम महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना था.’’


उन्होंने मुस्लिम वोटरों से अपील करते हुए कहा कि मुस्लिम समाज के लोग अपना वोट एसपी उम्मीदवारों को देते हैं तो वह वोट पूरी तरह बेकार हो जाएगा और उसका सीधा फायदा बीजेपी को ही पहुंच सकता है. बीएसपी का दलित वोट बेस पूरी तरह एकजुट और बीजेपी को हराने के लिए तत्पर एवं सक्रिय है. मुस्लिम जुड़ गया तो बीजेपी को इसका जबर्दस्त नुकसान पहुंचेगा.


देशभर में अचानक 500 और 1000 रूपये के नोटों पर पाबंदी


मायावती ने कहा कि केवल अपने राजनीतिक स्वार्थ में तीन महीने पहले देश में कालाधन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की आड़ में बिना पूरी तैयारी के देश भर में अचानक 500 और 1000 रूपये के नोटों पर पाबंदी लगाने का ऐसा अति जन पीड़ादायक फैसला ले लिया जिसकी मार से देश की जनता उबर नहीं पा रही है.


उन्होंने दावा किया कि बीजेपी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे पर चलते हुए पूरा आरक्षण खत्म कर देगी या फिर इसे निष्प्रभावी बना देगी. बीजेपी सरकार के चलते अल्पसंख्यक समाज विशेषकर मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है.