BJP का BSP सुप्रीमो पर हमला, कहा- 'मायावती ने दलितों के नाम पर दौलत बटोरी, कालेधन की कमाई रद्दी होने से हताश'
नई दिल्ली: मायावती द्वारा लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए बीजेपी ने रविवार को आरोप लगाया कि मायावती ने दलितों के नाम पर सिर्फ दौलत बटोरने का काम किया है और उत्तर प्रदेश में निश्चित हार और भ्रष्टाचार से अर्जित कालेधन की कमाई रद्दी में बदलते हुए देखकर बीएसपी प्रमुख हताशा में इस तरह की बातें कर रही हैं.
दलितों के नाम पर वोटों की राजनीति
बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘‘मायावती जी के हर संबोधनों और भाषणों में उनकी हताशा एवं निराशा स्पष्ट झलकती है क्योंकि उनके पांव के नीचे से जमीन खिसक गई है. दलितों के नाम पर वोटों की राजनीति करके टिकटों को बेचना और धन-उगाही करना उनका व्यवसाय बन गया है. मायावती ने दलितों के नाम पर सिर्फ दौलत बटोरने का ही काम किया है और उन्हें दलितों से कोई लेना-देना नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में निश्चित हार और भ्रष्टाचार से अर्जित काले-धन की कमाई के रद्दी में बदल जाने के कारण मायावती बौखलाहट एवं हताशा में अनर्गल आरोप लगा रही हैं.
देश के कानून का सम्मान शर्मा ने आरोप लगाया कि उनके (बीएसपी सुप्रीमो) भाई की आय से अधिक संपत्ति की जांच कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय से ही चल रही है. देश के प्रधानमंत्री पर अनर्गल आरोप लगाने के बजाय मायावती को पहले देश के कानून का सम्मान करना सीखना चाहिए. उन्हें कानून का सहयोग करना चाहिए.
सिखकती राजनीतिक जमीन को फिर से पाने का प्रयास बीजेपी नेता ने कहा, ‘‘यदि वे (मायावती) अथवा उनके परिवार के लोग निर्दोष हैं तो उन्हें डर नहीं होना चाहिए लेकिन यदि वे गलत हैं तो कानून अपनी कार्रवाई करेगा.’’ शर्मा ने आरोप लगाया कि मायावती बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नाम का सहारा लेकर अपनी सिखकती राजनीतिक जमीन को फिर से पाने का प्रयास कर रही हैं लेकिन बाबा साहब के सिद्धांतों से बीएसपी प्रमु़ख का दूर दूर तक कोई संबंध नहीं है. उल्लेखनीय है कि मायावती ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि चुनाव के नजदीक आते ही उन लोगों को उनके (मायावती के) परिवार में गडबडी नजर आयी और चुनाव के दौरान पार्टी और परिवार में सभी कमियां नजर आने लगी हैं जो सत्ता में आने से रोकने के लिए बीएसपी कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराने के मकसद से है.
सिखकती राजनीतिक जमीन को फिर से पाने का प्रयास बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि बाबा साहब को भारत रत्न सम्मान देने की पहल, संसद में उनका तैलचित्र लगाने सहित सच्चे अथरे में उन्हें प्रतिष्ठित करने का काम बीजेपी ने ही किया. मोदी सरकार की हर योजना गरीबों, शोषितों और समाज के निचले तबके को समर्पित है. उन्होंने दावा किया कि दलितों की भलाई का दंभ भरने वाली मायावती के शासन काल में उत्तर प्रदेश में 30 हजार दलितों पर अत्याचार के मामले सामने आए थे, और उस दौरान काफी दलितों की हत्याएं हुई. उन्होंने आरोप लगाया कि एसपी शासनकाल के दौरान दलितों पर अत्याचार के काफी मामले सामने आने के बाद भी मायावती राज्य के मुख्यमंत्री पर कोई आरोप नहीं लगाती हैं. बीएसपी और एसपी ‘बुआ-भतीजे’ के शासन काल में उत्तर प्रदेश में अपराध का बोलबाला रहा.
मायावती को महिलाओं के सम्मान की कोई चिंता नहीं शर्मा ने कहा कि एक महिला होते हुए भी मायावती को महिलाओं के सम्मान की कोई चिंता नहीं है, अगर इन्हें महिलाओं के आत्म-सम्मान की तनिक भी चिंता होती तो वे उत्तर प्रदेश की बहन-बेटियों का अपमान करने वाले नसीमुद्दीन सिद्दिकी को अपनी पार्टी से बर्खास्त कर चुकी होती. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों को आज भी राज्य में बीजेपी का शासन याद है जब गांव गांव में बिजली पानी मुहैया कराने की पहल की गई थी. श्रीकांत शर्मा ने कहा कि विकास विरोधी, दलित विरोधी पार्टियों को केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के गांव, गरीब, दलित, किसान एवं देश के लिए किये जा रहे विकासोन्मुखी कार्यो की सफलता पच नहीं रही है, इसलिए ऐसे दल झूठे और मनगढंत आरोप लगाकर बीजेपी को बदनाम करने की साज़िश रचते रहते हैं. उत्तर प्रदेश की जनता इनके बहकावे में अब और आने वाली नहीं है और वह राज्य में असान्न विधान सभा चुनावों में इन लोगों को करारा जवाब देगी.