अखिलेश के चहेते अफसरों को हटाए बिना नहीं रुकेगा पलायन: बीजेपी
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कैराना में पलायन के मुद्दे पर उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है. पार्टी का मानना है कि हाई कोर्ट के निर्णय को लागू करने में तब तक कठिनाई रहेगी, जब तक अखिलेश सरकार के निर्देशों पर काम करने वाले उसके चहेते अधिकारियों को हटाने का काम नहीं होगा. इसलिए बीजेपी ने 'सैफई परिवार के चहेते पुलिस अधिकारियों' को तत्काल हटाने की मांग की है.
मूकदर्शक बनकर तमाशा देखते रहे अधिकारी
पार्टी के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने कहा, "कैराना में हुए पलायन सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई अन्य जिलों में हुए दंगों के दौरान पुलिस-प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों की भूमिका पर शुरू से ही सवाल खड़े होते रहे हैं. लेकिन, अखिलेश सरकार और उनके चहेते अधिकारी मूकदर्शक बनकर तमाशा देखते रहे."
पाठक ने कहा, "कैराना मुद्दे पर उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद एक बार फिर से यह सवाल खड़े हुए हैं कि जिन अफसरों के जिम्मेदार पदों पर रहते हुए पलायन हुआ, दंगे हुए, उनके रहते पलायन के पीड़ितों को क्या न्याय मिल पाएगा?"
एक बार फिर से चुनाव आयोग से की मांग
प्रदेश महामंत्री ने पार्टी की मांग को दोहराते हुए एक बार फिर से चुनाव आयोग से मांग की कि राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को तत्काल उनके पदों से हटाया जाए.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, "राजधानी में बैठे शीर्ष अधिकारियों सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, फिरोजाबाद, रामपुर सहित कई अन्य जिलों के जिलाधिकारी पक्षपातपूर्ण कार्रवाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई शीर्ष अधिकारी लगातार या तो एसपी के दबाव में काम कर रहे हैं या फिर एसपी गठबंधन के प्रत्याशियों के समर्थन में पक्षपात पर उतर आए हैं.
बीजेपी प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार के कार्यक्रमों की अनुमति आदि को साजिशन लटकाया जा रहा है. ऐसे में निष्पक्ष चुनाव और मतदान के लिए निर्वाचन आयोग ऐसे अधिकारियों को तत्काल हटाए."