लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने शनिवार को मुसलमानों से अपील की कि वे एसपी के लिए मतदान कर अपना वोट बर्बाद न करें और बीएसपी का समर्थन करें, ताकि बीजेपी को हराया जा सके.



मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए अखिलेश और मुलायम ने रचा टकराव का ड्रामा


मायावती ने लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र की नीति से लोग परेशान हैं और दादरी जैसी घटनाओं ने बीजेपी की पोल खोल दी है.


एसपी की निंदा करते हुए मायावती ने कहा कि बाप-बेटे तो अपनी ही राजनीति में फंसे हुए हैं. मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए अखिलेश और मुलायम ने टकराव का ड्रामा रचा.


एसपी में मचे घमासान पर तंज कसते हुए बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि आखिर एसपी को कांग्रेस के साथ की जरूरत क्यों पड़ गई?


मयावती ने कहा कि अखिलेश के कार्यकाल में प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. यूपी में अब तक 500 दंगे हुए हैं. अखिलेश को अच्छे उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में लगता है अब अखिलेश ही कांग्रेस का चेहरा बनेंगे.


RSS को आरक्षण खत्म नहीं करने देगी BSP: मायावती


बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बीजेपी के मार्गदर्शक संगठन आरएसएस के प्रवक्ता और प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य द्वारा दलितों व अन्य पिछड़ों को मिलने वाला आरक्षण खत्म करने की वकालत की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि संविधान व देशहित में आरएसएस को अपनी गलत व जातिवादी मानसिकता बदलने की सख्त जरूरत है.



आरक्षण को लेकर बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर हमला करते हुए मायावती ने कहा कि जनता इन्हें सबक सिखाएगी. मायावती ने अपने बयान में कहा कि बीएसपी आरएसएस की आरक्षण संबंधी गैर-संवैधानिक सोच को कभी सफल नहीं होने देगी.


RSS के ही इशारों पर चलती है BJP और मोदी सरकार


आरएसएस के प्रचार प्रमुख वैद्य ने जयपुर में जारी लिटरेचर फेस्टिवेल के दौरान आरक्षण को खत्म करने पर जोर दिया और कहा, "यह काम हमें ही करना है."


मायावती ने कहा कि आरएसएस का आरक्षण विरोधी बयान व दृष्टिकोण दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय है, क्योंकि केंद्र की बीजेपी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आरएसएस के ही इशारों पर चलती है. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि दलितों व पिछड़ों को मिलने वाले आरक्षण की संवैधानिक सुविधा निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने के साथ-साथ इसे खत्म करने का प्रयास लगातार करती रहती है.


माया ने कहा कि आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने भी आरक्षण की समीक्षा की आड़ में इस संवैधानिक व्यवस्था को खत्म करने का प्रयास किया था, लेकिन देशभर में इसका जबरदस्त विरोध के कारण फिर उन्हें यह प्रयास रोकना पड़ा था. अब फिर इस मामले को छेड़ा गया है, जिसका खामियाजा बीजेपी चुनाव में भुगतने को तैयार रहे.